Giridih

गिरिडीह में बाल संरक्षण और अधिकारों पर कार्यशाला, शिक्षकों को दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां

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हाइलाइट्स:
  • बगोदर के महिला टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में हुआ एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन
  • बाल विवाह, बाल श्रम और बच्चों से जुड़े अपराधों पर विस्तृत चर्चा
  • शिक्षकों को सही शिक्षण विधि और मार्गदर्शन के बारे में दी गई जानकारी
  • बाल संरक्षण अधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों ने साझा की अहम जानकारियां

बाल संरक्षण और अधिकारों पर जागरूकता अभियान

गिरिडीह के बगोदर स्थित महिला टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज सह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल संरक्षण और बाल अधिकारों पर जागरूकता बढ़ाना था। कार्यशाला में बाल विवाह, बाल श्रम, बच्चों के खिलाफ अपराधों और उनके शैक्षणिक विकास से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में गिरिडीह जिले के सभी हाई स्कूल और प्लस टू स्कूलों के प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक आमंत्रित थे।

विशेषज्ञों ने साझा किए महत्वपूर्ण विचार

कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार, पुलिस पदाधिकारी अंजन कुमार, बनवासी विकास आश्रम के सुरेश शक्ति और भागीरथी देवी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

  • डायट प्राचार्य कंचन कुमारी ने शिक्षकों और भावी शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए बच्चों के सही शिक्षण और बुद्धिमता बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सही शिक्षण विधि और मार्गदर्शन से औसत बुद्धि वाले छात्रों को भी बेहतर बनाया जा सकता है।
  • पुलिस पदाधिकारी अंजन कुमार ने पोक्सो एक्ट और बाल अपराध से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।
  • जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार ने बाल श्रम और बाल अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी।
  • भागीरथी देवी ने बाल विवाह से होने वाली परेशानियों और उससे बचाव के उपायों पर चर्चा की।

बाल अधिकारों पर शिक्षकों की अहम भूमिका

कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों और अधिकारियों ने बाल संरक्षण और अधिकारों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की। शिक्षकों ने इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने और बच्चों को सही मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी को लेकर प्रतिबद्धता जताई।

कार्यशाला को सफल बनाने में इनका रहा योगदान

इस प्रशिक्षण कार्यशाला को सफल बनाने में डायट के संकाय सदस्य आशीष कुमार दुबे, विकास कुमार सिंह, उमा कुमारी द्विवेदी, मो. निसार अहमद, धर्मेंद्र कुमार एवं लिपिक चिरंजीवी कुमार, पंकज कुमार सिंह आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

बाल संरक्षण और बाल अधिकारों को लेकर ऐसी कार्यशालाएं समाज में जागरूकता लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए शिक्षकों और समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करने की जरूरत है। ‘न्यूज़ देखो’ ऐसी खबरों पर अपनी नजर बनाए रखेगा और आपको हर महत्वपूर्ण अपडेट पहुंचाता रहेगा।

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