गिरिडीह में बाल श्रम विरोधी अभियान: 4 बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति को सौंपा

मंगलवार को बाल संरक्षण टीम ने गिरिडीह जिले के बरवाडीह और अन्य क्षेत्रों में स्थित होटलों, ढाबों, गैरेज, और अन्य प्रतिष्ठानों पर छापा मारा। इस दौरान 4 बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति को सौंपा गया। रेस्क्यू किए गए बच्चे विभिन्न कामों जैसे ग्लास धोने, कप-प्लेट साफ करने, और मोटर गैरेज में मरम्मत कार्यों में लगे हुए थे।

रेस्क्यू अभियान और नेतृत्व

इस अभियान का नेतृत्व श्रम प्रवर्तन अधिकारी बसंत महतो ने किया। टीम में चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक सुनीता कुमारी, नरेश कुमार, बनवासी विकास आश्रम के सुरेश कुमार शक्ति, उत्तम कुमार सिंह, और अन्य सदस्य शामिल थे। अभियान के दौरान प्रिंस मोटर गैरेज, समीर मोटर वर्क गैरेज, श्री स्वीट्स, और अन्य प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण किया गया।

सरकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास

रेस्क्यू किए गए बच्चों को सरकारी योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा स्कीमों से जोड़कर उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयास किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कर उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है।

देशव्यापी अभियान

बाल अधिकार कार्यकर्ता सुरेश शक्ति ने बताया कि यह अभियान पैन-इंडिया बाल श्रमिक रेस्क्यू और पुनर्वास कार्यक्रम के तहत चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड के सभी उपायुक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे 1 जनवरी से 30 मार्च तक बाल श्रम उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाएं।

गिरिडीह को बाल श्रम मुक्त जिला बनाने की पहल

श्री शक्ति ने बताया कि श्रम विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन और बचपन बचाव आंदोलन के माध्यम से गिरिडीह को बाल श्रम मुक्त जिला बनाने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं।

बाल श्रम उन्मूलन के इस अभियान से गिरिडीह जिले में बच्चों के अधिकार और उनके भविष्य की रक्षा की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। ऐसे ही खबरों के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ।

Exit mobile version