- गिरिडीह के पचम्बा क्षेत्र के जरीडीह मौजा में विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज की चहारदीवारी निर्माण कार्य प्रारंभ।
- मेसर्स विजय प्रकाश को मिला टेंडर, झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम ने गुणवत्तापूर्ण कार्य के निर्देश दिए।
- दो माह पूर्व विधायक सुदिव्य कुमार और कल्पना सोरेन ने किया था शिलान्यास, आचार संहिता के कारण रुका था कार्य।
- परियोजना के लिए 110 एकड़ भूमि चिह्नित, 75 एकड़ विश्वविद्यालय और 35 एकड़ इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए।
- स्थानीय छात्रों को उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा का मिलेगा लाभ।
गिरिडीह को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगा नया मुकाम
गिरिडीह: गिरिडीह जिले के पचम्बा क्षेत्र के जरीडीह मौजा में प्रस्तावित जेसी बोस विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज की चहारदीवारी निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इस निर्माण कार्य का टेंडर मेसर्स विजय प्रकाश को मिला है, जिसे झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड ने गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है।
आचार संहिता के कारण रुका था कार्य, अब फिर से मिली गति
इस परियोजना का शिलान्यास 30 सितंबर को विधायक सुदिव्य कुमार और कल्पना सोरेन द्वारा किया गया था, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण निर्माण कार्य रोक दिया गया था। अब नई सरकार बनने के बाद काम फिर से तेज हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल है।
गिरिडीह को उच्च शिक्षा का मिलेगा फायदा
गिरिडीह जिला अब तक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा रहा है। यहां के छात्रों को विश्वविद्यालय स्तरीय पढ़ाई के लिए हजारीबाग, रांची और अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। लेकिन गिरिडीह के विधायक एवं झारखंड सरकार के नगर विकास सह उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार की पहल से अब जेसी बोस विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना से छात्रों को स्थानीय स्तर पर ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
110 एकड़ भूमि में होगा निर्माण कार्य
इस परियोजना के लिए 110 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है:
- 75 एकड़ भूमि विश्वविद्यालय के लिए।
- 35 एकड़ भूमि इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए।
इस विश्वविद्यालय से गिरिडीह और कोडरमा जिले के सभी अंगीभूत, संबद्ध, बीएड और लॉ कॉलेज जोड़े जाएंगे।
तकनीकी शिक्षा से छात्रों को मिलेगा नया अवसर
इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना से जिले के छात्रों को तकनीकी शिक्षा का लाभ मिलेगा और गिरिडीह को एक नई पहचान मिलेगी। उच्च शिक्षा के इस विस्तार से न केवल स्थानीय छात्रों को फायदा होगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएगा।
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