गिरिडीह में कन्या पूजन और शौर्य रैली का आयोजन, 72 बालिकाओं को ओढ़नी ओढ़ाकर किया गया सम्मानित

#गिरिडीह #कन्या_सम्मान_रैली : आत्मबल और संस्कार के प्रतीक बनीं बेटियाँ, शहर में निकली अनुशासित रैली

आत्मबल और नारी शक्ति को समर्पित आयोजन

गिरिडीह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन विभाग द्वारा संचालित शस्त्र पूजन एवं आत्मबल प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत रविवार को विवाह भवन में कन्या पूजन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 72 बालिकाओं को विधिवत पूजन के बाद ओढ़नी ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

पूनम बरनवाल ने बेटियों को बताया आत्मबल का प्रतीक

कार्यक्रम की संयोजिका एवं प्रांत टोली सदस्य श्रीमती पूनम बरनवाल ने कहा:

“बेटियाँ शक्ति का प्रतीक हैं, और यह ओढ़नी उनके आत्मविश्वास व जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह प्रशिक्षण उन्हें आत्मरक्षा और आत्मबल की दिशा में मजबूत बनाएगा।”

कार्यक्रम का उद्देश्य था नारी शक्ति के योगदान को सार्वजनिक मंच पर सम्मानित करना और उनमें आत्मविश्वास की भावना को जागृत करना।

बुलेट-सवारी और शौर्य रैली बनी आकर्षण का केंद्र

पूजन कार्यक्रम के बाद विवाह भवन से टावर चौक तक एक भव्य शौर्य रैली निकाली गई, जिसमें बालिकाओं ने पारंपरिक परिधान में बुलेट और स्कूटी पर अनुशासित मार्च किया। टावर चौक पर बालिकाओं द्वारा तलवार और दंड संचालन का प्रदर्शन किया गया, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे।

जन सहभागिता और सराहना की गूंज

कार्यक्रम में बालिकाओं के अभिभावक, स्थानीय गणमान्य नागरिक एवं स्वयंसेवक मौजूद रहे। सभी ने बालिकाओं के आत्मबल, अनुशासन और शौर्य को सराहा।
प्रशिक्षक श्री सोनू कुमार का प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेष योगदान रहा।

“हमारी बेटियाँ आज सिर्फ पढ़ाई में नहीं, बल्कि आत्मरक्षा, अनुशासन और पराक्रम में भी किसी से कम नहीं हैं। ऐसे आयोजन उन्हें और निखारते हैं।”
– एक अभिभावक की प्रतिक्रिया

न्यूज़ देखो : बेटियों की बुलंद आवाज़ को दे रहा है मंच

‘न्यूज़ देखो’ हर उस प्रयास को सलाम करता है जो बेटियों को सशक्त बनाता है। ऐसी सकारात्मक खबरों के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ, क्योंकि यही हैं हमारे समाज की असली प्रेरणाएँ।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे रेट करें और नीचे कमेंट में अपनी राय दें।

Exit mobile version