गिरिडीह में मज़दूर दिवस से पहले भड़का आक्रोश, माले और मजदूर संगठनों ने रैली का किया एलान

#गिरिडीह #मजदूरदिवसरैली — पहलगाम हमले की निंदा के साथ केंद्र सरकार की नीतियों पर भी उठे सवाल

गिरिडीह से उठी मजदूरों की हुंकार : 1 मई को व्यापक विरोध रैली

गिरिडीह, 1 मई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर माले और असंगठित मजदूर मोर्चा ने मोहरूपुर में बड़ी रैली और आमसभा आयोजित करने की घोषणा की है। जिला सचिव अशोक पासवान, किसान नेता पूरण महतो, माले नेता राजेश सिन्हा और असंगठित मजदूर मोर्चा के कन्हाई पांडेय ने इस संबंध में नई परिषदन भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी दी।

नेताओं ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री एरिया को योजनाबद्ध तरीके से बर्बाद किया जा रहा है और मजदूरों के अधिकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं। सभा में मौजूद कार्यकर्ताओं ने मजदूरों के शोषण के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।

आतंकवाद पर कड़ा रुख : पहलगाम हमले पर उमड़ा गुस्सा

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इस दौरान नेताओं ने कहा कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ एक जघन्य अपराध है और सरकार को इसके खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।

पहलगाम में निर्दोष सैलानियों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं और आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग करते हैं।” — राजेश सिन्हा

मजदूरों के अधिकारों पर हमला : 12 घंटे काम को बताया फासीवाद

जिला सचिव अशोक पासवान ने कहा कि मजदूरों के ऊपर 12 घंटे कार्यभार थोपना पूंजीपतियों की साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम मजदूरों को और अधिक शोषित करने का प्रयास है।

आठ घंटे के कार्य दिवस को बढ़ाकर 12 घंटे करना मजदूर विरोधी नीतियों का प्रमाण है। भाकपा माले इस फासीवादी हमले का डटकर मुकाबला करेगी।” — अशोक पासवान

केंद्र सरकार पर जमकर बरसे नेता : माफी की मांग

माले नेता राजेश सिन्हा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि:

2014 से पहले सैकड़ों बार कहा गया था कि आतंकवाद केंद्र सरकार की नाकामी है। अब वही बातें दोहराने पर भक्तों को बुरा लगता है। हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से जनता से माफी मांगने की मांग करते हैं।” — राजेश सिन्हा

सिन्हा ने कहा कि मजदूरों और किसानों के हक को छीनने के लिए बड़े घरानों के इशारे पर नीतियाँ बनाई जा रही हैं, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय तबका बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

मोहरूपुर की रैली से गूंजेगी मजदूरों की आवाज

रैली में गिरिडीह जिले के सैकड़ों मजदूर, किसान, छात्र और आम नागरिक हिस्सा लेंगे। इस रैली के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी जाएगी कि अगर मजदूरों के हितों पर कुठाराघात जारी रहा तो व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।

सभा में रामलाल मुर्मु, नौशाद आलम, तबारक, राजकुमार राय सहित दर्जनों कार्यकर्ता भी मौजूद थे जिन्होंने संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया।

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