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गिरिडीह में शिक्षा की नई पहल : 14 हजार बच्चों को स्कूल से जोड़ने का मिशन शुरू

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#गिरिडीह #बैकटूस्कूल_अभियान — हर बच्चे को शिक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम

  • 14 हजार आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का लक्ष्य
  • 28 हजार नए बच्चों का नामांकन भी किया जाएगा सुनिश्चित
  • जिलास्तर पर कार्यशाला आयोजित, जागरूकता वाहन गांव-गांव रवाना
  • डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के नेतृत्व में मिशन मोड में चल रहा अभियान
  • विद्यालयों का माहौल खुशनुमा और स्वागतपूर्ण बनाने पर ज़ोर
  • शिक्षकों, पंचायत प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों से भी सक्रिय सहयोग की अपील

हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने की पहल

गिरिडीह जिले में शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने के उद्देश्य से ‘बैक टू स्कूल’ अभियान की शुरुआत हो चुकी है। इस अभियान के तहत उन 14 हजार बच्चों को फिर से शिक्षा से जोड़ा जाएगा, जो किसी न किसी कारणवश स्कूल से बाहर रह गए थे।

जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन कर सभी संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। वहीं, जागरूकता वाहन भी गांव-गांव भेजे जा रहे हैं, ताकि हर परिवार तक इस अभियान का संदेश पहुंचे।

जिला शिक्षा पदाधिकारियों की सतर्क निगरानी

जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी वसीम अहमद और जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज खुद इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

“सभी शिक्षकों, सीआरपी और बीआरपी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे हर बच्चे तक पहुंच सुनिश्चित करें,” — मुकुल राज

आंकड़ों की जुबानी : शिक्षा के लिए चुनौती और अवसर

अनामांकित बच्चों को भी मिलेगा शिक्षा का अवसर

डीएसई मुकुल राज ने बताया कि जिले में ऐसे भी बच्चे हैं जिन्होंने कभी नामांकन नहीं कराया। इन बच्चों के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा ऐसे बच्चे भी शामिल हैं जो नामांकन के बावजूद किसी कारणवश स्कूल नहीं आ सके।

“हमारा लक्ष्य है कि एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे,” — मुकुल राज

इस अभियान के दौरान शिशु पंजी के अनुसार 28 हजार नए बच्चों का भी नामांकन कराया जाएगा, जिसमें आंगनबाड़ी केंद्रों में अध्ययनरत बच्चे भी शामिल हैं।

16 दिनों का मिशन मोड अभियान

बच्चों की उपस्थिति भी होगी निगरानी में

अगले 16 दिनों तक यह अभियान मिशन मोड में चलेगा। इस दौरान बच्चों की उपस्थिति अनुश्रवण, अनामांकित बच्चों का विद्यालय में स्वागत और उनकी निरंतर उपस्थिति सुनिश्चित करना मुख्य कार्य होगा।

बच्चों की उपस्थिति का पूरा डेटा ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर भी दर्ज किया जाएगा, जिससे निगरानी आसान होगी।

विद्यालयों को बनाया जाएगा खुशनुमा स्थल

जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि सिर्फ नामांकन ही नहीं, बल्कि बच्चों के लिए विद्यालय का माहौल भी आनंददायक बनाया जाएगा।

“अगर बच्चों को स्कूल में खुशी और अपनापन मिलेगा, तो वे खुद से सीखने के लिए प्रेरित होंगे,” — नमन प्रियेश लकड़ा

स्कूलों में स्वागत कार्यक्रम, खेल-कूद, सांस्कृतिक गतिविधियां और पठन-पाठन के नवाचार से माहौल को बेहतर बनाया जाएगा।

न्यूज़ देखो : शिक्षा के हर पहल पर हमारी पैनी नजर

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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