गिरिडीह: झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा टोल वसूली पर रोक लगाए जाने के बावजूद गिरिडीह में जबरन टोल वसूली का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसी कड़ी में टोल वसूली के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों पर हुए हमले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पत्रकारों पर हमला
घटना गिरिडीह-टुंडी मार्ग स्थित अजीडीह टोल प्लाजा की है, जहां इटीवी भारत के पत्रकार अमरनाथ सिन्हा खबर संकलन करने पहुंचे थे। इस दौरान सात-आठ गुंडों के समूह ने उन पर हमला किया।
- लाठी-डंडों से किए गए हमले में अमरनाथ सिन्हा को चेहरे और शरीर पर गंभीर चोटें आईं।
- मौके पर पहुंची पुलिस की पेट्रोलिंग टीम ने पत्रकारों को बचाया।
बाबूलाल मरांडी ने की मुलाकात
घटना की जानकारी मिलने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने घायल पत्रकारों से मुलाकात की। उन्होंने इसे प्रशासन की विफलता और दबंगों को मिली खुली छूट का परिणाम बताया।
मरांडी ने कहा:
“यह घटना झारखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को इस मामले का संज्ञान लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
सीएम से कार्रवाई की अपील
मरांडी ने सीएम सोरेन से अपील की कि:
- टोल वसूली पर प्रशासनिक संरक्षण में चल रहे इस अवैध कार्य के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
- टोल वसूली गिरोह में शामिल दबंगों पर कड़ी विधिसम्मत कार्रवाई हो।
- पत्रकारों को उनकी जिम्मेदारी निभाने के दौरान सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
अवैध टोल वसूली पर सवाल
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने नगर निगम द्वारा टोल वसूली पर स्पष्ट रोक लगाई है। इसके बावजूद गिरिडीह में जबरन वसूली की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल
पत्रकारों के साथ हुई मारपीट और प्रशासन की निष्क्रियता ने एक बार फिर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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