#गिरिडीह | टीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास:
- गिरिडीह सदर अस्पताल में आयोजित हुआ विश्व यक्ष्मा दिवस कार्यक्रम
- उप विकास आयुक्त समेत कई अधिकारियों ने लिया कार्यक्रम में हिस्सा
- मरीजों को निशुल्क दवाइयां, जांच और पोषण सहायता देने की अपील
- टीबी रोग के प्रति जागरूकता फैलाने और जनसहयोग की अहम भूमिका पर जोर
- उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और सहिया को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम की शुरुआत और उद्देश्य
गिरिडीह सदर अस्पताल में विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत उप विकास आयुक्त श्रीमती स्मृता कुमारी, सिविल सर्जन डॉ. एसपी मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। इस अवसर पर उपस्थित सभी अधिकारियों ने जिले को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य पर बल दिया।
श्रीमती स्मृता कुमारी ने कहा, “गिरिडीह जिले को टीबी मुक्त करने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे सराहनीय हैं, लेकिन वर्ष 2026 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सभी को मिलकर और अधिक योगदान देना होगा।”
नि:शुल्क उपचार और सहायता योजनाएं
कार्यक्रम के दौरान उप विकास आयुक्त ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में टीबी रोग का सबसे बेहतर और नि:शुल्क इलाज उपलब्ध है। रोगी को न केवल मुफ्त दवाइयां और जांच दी जाती हैं, बल्कि इलाज के दौरान ₹500 प्रति माह पोषण सहायता भी प्रदान की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि समय पर इलाज से मात्र छह माह में यह रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
डॉ. एसपी मिश्रा ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग के कर्मी और एजेंसियां लगातार अच्छे कार्य कर रही हैं। अब जरूरत है कि हर व्यक्ति जागरूक हो और समय पर इलाज कराए।”
टीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक संकल्प
कार्यक्रम के दौरान जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रेखा कुमारी ने टीबी उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक 51703 बलगम जांच कर 3328 टीबी मरीजों का इलाज किया गया है। निक्षय पोषण योजना के तहत 1 करोड़ 18 लाख 79 हजार रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।
डॉ. रेखा कुमारी ने कहा, “YES I WE CAN END TB-COMMIT, INVEST, DELIVER” थीम के तहत इस अभियान में जनभागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है। हर संस्थान को आगे आकर गोद लेने की प्रक्रिया से जुड़ना चाहिए।”
सम्मान और प्रेरणा
कार्यक्रम के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले सहिया नीलम रावत, टीबी चैंपियन संजय यादव, फ्रांसिस मुर्मू, अजय कुमार भारती, और अन्य कर्मियों को शिल्ड और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मौके पर कई अधिकारियों ने टीबी मरीजों को गोद लेने की भी घोषणा की।
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