हाइलाइट्स :
- धर्माबांध में हिलटॉप ऑउटसोर्सिंग में हुई हिंसक झड़प के लिए चंद्रप्रकाश चौधरी पर एफआईआर
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना की जांच के आदेश दिए
- 100 से अधिक लोगों पर प्राथमिकी दर्ज, जिनमें गिरिडीह सांसद का नाम शामिल
- धर्माबांध ओपी प्रभारी और मधुबन थाना प्रभारी निलंबित
- एसडीपीओ के घायल होने के बाद राज्य सरकार ने हर संभव मदद का वादा किया
धर्माबांध में हिलटॉप ऑउटसोर्सिंग में गुरुवार को हुई हिंसक झड़प के मामले में गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को षड्यंत्रकारी बताया गया है। उन पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने इस घटना को लेकर आपराधिक षड्यंत्र रचा। पुलिस ने इस मामले में पांच अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
“हमारे खिलाफ पुलिस केस से फर्क नहीं पड़ता, रैयतों को न्याय दिलाने का काम जारी रहेगा।” – चंद्रप्रकाश चौधरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना के बाद अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में घायल एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह के इलाज के लिए राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके परिवार के साथ खड़ी है।
घटना में 100 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनमें गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, हिलटॉप के मालिक अशोक अग्रवाल, बीसीसीएल जीएम गणेश चंद्र साहा, झामुमो नेता कारू यादव, वकील शेख खालिद, और अन्य के नाम शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मारपीट, बमबाजी, पत्थरबाजी, और आगजनी जैसी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।
चंद्रप्रकाश चौधरी ने आरोप लगाया कि बीसीसीएल के जीएम ने इस पूरे मामले में माहौल बिगाड़ा है और कहा कि यह पूरी घटना कोयला चोरी से जुड़ी हुई है।
इसके अलावा, इस घटना में मधुबन थाना प्रभारी पिकू प्रसाद को निलंबित किया गया है और 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है। कुछ आरोपियों को पूछताछ के बाद जेल भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने घायल एसडीपीओ के इलाज के लिए सरकारी मदद का वादा किया और राज्य सरकार द्वारा अस्पताल के साथ संपर्क बनाए रखने की बात कही।
यह घटनाक्रम न केवल झारखंड की राजनीतिक तस्वीर को प्रभावित कर रहा है, बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठा रहा है। ‘न्यूज़ देखो’ के साथ बने रहें और झारखंड की ताजातरीन खबरों के लिए हमारी अपडेट्स पर नजर रखें।