Giridih

गिरिडीह: स्कॉलर बीएड कॉलेज में पांच दिवसीय लेक्चर सीरीज का आयोजन

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हाइलाइट्स :

  • छात्रों के बौद्धिक विकास और सृजनात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम
  • गिरिडीह कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार रहे मुख्य अतिथि
  • मुख्य वक्ता डॉ. मृत्युंजय प्रसाद ने शिक्षण में सकारात्मकता पर दिया जोर
  • पांच दिनों तक विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित

बनहत्ती स्थित स्कॉलर बीएड कॉलेज में व्याख्यान श्रृंखला संपन्न

गिरिडीह जिले के स्कॉलर बीएड कॉलेज, बनहत्ती में 1 मार्च 2025 से 5 मार्च 2025 तक पांच दिवसीय लेक्चर सीरीज का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के बौद्धिक विकास, सकारात्मक चिंतन एवं सृजनात्मक क्षमता को विकसित करना था।

कार्यक्रम में गिरिडीह कॉलेज, गिरिडीह के प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. मृत्युंजय प्रसाद (प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, विनोबा भावे यूनिवर्सिटी) मौजूद थे।

दीप प्रज्वलन के साथ हुआ उद्घाटन

कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज प्राचार्या डॉ. शालिनी खोवाला एवं डीएलएड प्रभारी डॉ. हरदीप कौर द्वारा अतिथियों का पुष्पगुच्छ एवं शॉल देकर स्वागत करने के साथ हुई। इसके बाद संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

प्राचार्या डॉ. शालिनी खोवाला ने स्वागत भाषण देते हुए कहा—

“आपके विचार इस संस्थान के लिए प्रकाश का काम करेंगे, जिससे छात्र समाज और राष्ट्र के उत्थान में योगदान देंगे।”

वहीं मुख्य अतिथि डॉ. अनुज कुमार ने अपने संबोधन में कहा—

“भावी शिक्षकों को अपनी भूमिका को समझना होगा। नकारात्मकता को दबाकर सकारात्मक भाव को बढ़ावा देना आवश्यक है।”

मुख्य वक्ता ने शिक्षण में सकारात्मकता पर दिया जोर

मुख्य वक्ता डॉ. मृत्युंजय प्रसाद ने सकारात्मक शिक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा—

“यदि शिक्षण सकारात्मक नहीं है, तो उसकी कोई आवश्यकता नहीं। सकारात्मक शिक्षण ही राष्ट्र को ऊर्जा प्रदान करता है।”

उन्होंने संस्कृत की एक उक्ति का संदर्भ देते हुए कहा—

“जब हम साथ खेलेंगे, खाएंगे और पढ़ेंगे, तभी देश सशक्त बनेगा।”

लेक्चर सीरीज के प्रमुख विषय

इस पांच दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला में निम्नलिखित विषयों पर चर्चाएं हुईं—

  1. सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाए रखना और छात्र व्यवहार प्रबंधन की रणनीतियाँ
  2. भाषा विकास के सिद्धांत और प्रभावी भाषा कौशल को बढ़ावा देना
  3. बाल विकास के संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावात्मक पहलू
  4. प्रभावी पाठ योजना निर्माण और उद्देश्यों को विषयवस्तु के साथ संरेखित करना
  5. 21वीं सदी के लिए प्रभावी शिक्षण रणनीतियाँ

कार्यक्रम के संयोजक और सहभागिता

इस कार्यक्रम के समन्वयक आशीष राज, डॉ. संतोष कुमार चौधरी एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। मंच संचालन आशीष राज व डॉ. संतोष कुमार चौधरी ने किया, जबकि डॉ. संतोष कुमार चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

कार्यक्रम में डॉ. सुधांशु शेखर जमैयार, रंजीत कुमार, स्मिता कुमारी सहित कई सहायक प्राध्यापक शामिल हुए। इस दौरान सैकड़ों प्रशिक्षु छात्रों ने भाग लेकर लाभ उठाया

‘न्यूज़ देखो’ की नजर बनी रहेगी

क्या इस प्रकार की शैक्षिक गतिविधियाँ भविष्य में शिक्षकों को अधिक कुशल बनाएंगी? क्या सकारात्मक शिक्षण का यह संदेश आगे भी जारी रहेगा? ‘न्यूज़ देखो’ ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर नजर बनाए रखेगा। जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ – हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र!

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