हाइलाइट्स :
- सुभाष शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में बी.एड और डी.एल.एड प्रशिक्षुओं का होली मिलन समारोह आयोजित।
- रंग-गुलाल लगाकर शिक्षकों और छात्रों ने एक-दूसरे के साथ खुशियां साझा कीं।
- डॉ. अनुज कुमार ने होली के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला।
- सैकड़ों प्रशिक्षणार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
शिक्षकों और छात्रों ने एक-दूसरे को रंग लगाकर मनाई होली
गिरिडीह के सुभाष शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में मंगलवार को बी.एड और डी.एल.एड प्रशिक्षणार्थियों द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान शिक्षकों और छात्रों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं और उल्लासपूर्वक पर्व मनाया।
“होली सिर्फ उल्लास का दिन नहीं, बल्कि यह परंपराओं और अनुष्ठानों से भरा हुआ त्योहार है, जो जीवन को विभिन्न रंगों से भर देता है।” – डॉ. अनुज कुमार
होली की परंपराओं पर दिया गया जोर
समारोह में डॉ. अनुज कुमार ने होली के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह पर्व गिले-शिकवे भुलाने और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि होली हर्ष और उमंग का त्योहार है, जिसे सभी को प्रेम और सद्भाव के साथ मनाना चाहिए।
इस मौके पर प्रो. कौशल राज, डॉ. ओम प्रकाश राय, डॉ. संजीव सिंह, प्रो. राजकिशोर प्रसाद, प्रो. संदीप चौधरी समेत कई शिक्षाविद् और छात्र उपस्थित रहे।
सैकड़ों प्रशिक्षुओं ने लिया भाग
इस रंगारंग कार्यक्रम में सुभाष शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सैकड़ों प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। करण, प्रकाश, शालू, सोनी सहित कई छात्रों ने शिक्षकों के साथ मिलकर संगीत, नृत्य और रंग-गुलाल के साथ होली का आनंद उठाया।
‘न्यूज़ देखो’ – परंपराओं और सौहार्द की मिसाल
होली केवल रंगों का पर्व नहीं, बल्कि यह समाज को जोड़ने और भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। गिरिडीह के इस महाविद्यालय में हुए आयोजन ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि शिक्षा के साथ संस्कारों और परंपराओं को भी जीवंत रखना आवश्यक है।
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