- उसरी बचाओ अभियान के तहत 17-19 जनवरी को गिरिडीह में आयोजित हुआ उसरी महोत्सव।
- क्रिकेट, कबड्डी, खो-खो, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कविता, संगीत, और बुद्धि परीक्षण जैसे विविध कार्यक्रम संपन्न।
- हजारों नागरिकों और बुद्धिजीवियों की सक्रिय भागीदारी।
- उसरी नदी संरक्षण के लिए कोर कमेटी के सदस्यों का दृढ़ संकल्प।
महोत्सव का आयोजन और उद्देश्य:
गिरिडीह नगर की जीवन रेखा मानी जाने वाली उसरी नदी के संरक्षण और जागरूकता के उद्देश्य से तीन दिवसीय उसरी महोत्सव का आयोजन अमित बरदियार छठ घाट में किया गया। इस महोत्सव में खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चों का बुद्धि परीक्षण, और स्थानीय कला-संस्कृति के प्रदर्शन के माध्यम से नदी बचाने का संदेश दिया गया।
खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम:
महोत्सव में कबड्डी, क्रिकेट, खो-खो जैसे खेलों के रोमांचक मुकाबले हुए। बनखंजो और सिहोडीह के जूनियर बच्चों की कबड्डी ने दर्शकों को खूब प्रभावित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कविता, नृत्य, संगीत और मुशायरा जैसे आयोजन हुए, जिन्होंने महोत्सव को और भव्य बना दिया।
नदी बचाने के उपाय और जागरूकता:
सेवानिवृत्त इंजीनियर विनय कुमार सिंह और कोर कमेटी के अन्य सदस्यों ने उसरी नदी के संरक्षण के लिए अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि नदी के लिए सोक पिट, वॉटर ट्रीटमेंट, और चेक डैम का निर्माण आवश्यक है। इसके साथ ही बालू उठाव पर रोक, अतिक्रमण मुक्त सीमांकन, और जोंगिंग पार्क निर्माण जैसे उपायों पर बल दिया गया।
कोर कमेटी और नागरिकों का सहयोग:
महोत्सव का आयोजन राजेश सिन्हा, आलोक मिश्रा, निशांत कुमार और रंजय सिन्हा जैसे कोर कमेटी के सदस्यों के अथक प्रयासों से हुआ। गिरिडीह के हजारों नागरिकों ने इस महोत्सव में भाग लिया और उसरी नदी बचाने के संकल्प में अपना समर्थन दिया।
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