#गिरिडीह #सीसीएलधरना – महाप्रबंधक कार्यालय में हुई सफल वार्ता, पांच दिन बाद बहाल हुआ कामकाज
- 28 अप्रैल से चल रहा था अनिश्चितकालीन धरना, झाकोमयू के बैनर तले की गई थी शुरुआत
- राज्यसभा सांसद डॉ. सरफराज अहमद और झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह भी रहे उपस्थित
- साप्ताहिक छुट्टी, वेतन वृद्धि और चिकित्सा सुविधा जैसे मुद्दों पर बनी सहमति
- सीसीएल प्रबंधन, यूनियन और आउटसोर्सिंग कंपनी के बीच दो घंटे चली वार्ता
- धरना समाप्ति की औपचारिक घोषणा झाकोमयू अध्यक्ष हरगौरी साव ‘छक्कू’ ने की
- पांच दिनों से ठप पड़ी आउटसोर्सिंग गतिविधियां पुनः हुईं शुरू
28 अप्रैल से जारी था कर्मियों का विरोध आंदोलन
गिरिडीह सीसीएल कोलियरी के कबरीबाद स्थित आउटसोर्सिंग कर्मियों द्वारा 28 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरना चलाया जा रहा था। झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन (झाकोमयू) के बैनर तले आयोजित इस धरने में साप्ताहिक अवकाश, वेतन वृद्धि, समान कार्य के लिए समान वेतन और चिकित्सा सुविधा जैसी मूलभूत मांगें रखी गई थीं।
सफल वार्ता से समाप्त हुआ गतिरोध
शुक्रवार को गिरिडीह कोलियरी के महाप्रबंधक कार्यालय स्थित मीटिंग हॉल में सीसीएल प्रबंधन, झाकोमयू पदाधिकारी और आउटसोर्सिंग कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच दो घंटे तक चली सकारात्मक वार्ता में अधिकांश मांगों पर सहमति बनी।
“हम कर्मियों की समस्याओं को लेकर लगातार आवाज़ उठा रहे थे। आज की वार्ता ने यह साबित कर दिया कि संगठित आवाज़ कभी अनसुनी नहीं जाती,”
– हरगौरी साव ‘छक्कू’, अध्यक्ष, झाकोमयू
जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका रही अहम
इस महत्वपूर्ण वार्ता में राज्यसभा सांसद डॉ. सरफराज अहमद, झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह, झाकोमयू के सचिव तेजलाल मंडल, सैकड़ों की संख्या में आउटसोर्सिंग कर्मी, और सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी जीएस मीणा, अनिल पासवान, राजवर्द्धन सहित कई अधिकारी मौजूद थे। सभी ने सौहार्दपूर्ण समाधान की दिशा में पहल की।
कार्य फिर से प्रारंभ, कर्मियों में संतोष
पांच दिनों तक आउटसोर्सिंग कार्य पूरी तरह बंद पड़ा था, जिससे उत्पादन और दैनिक संचालन प्रभावित हुआ था। धरना समाप्त होने के बाद सभी कार्य दोबारा सुचारू रूप से प्रारंभ कर दिए गए हैं, और कर्मियों में संतोष और उम्मीद का माहौल है।
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