
#गिरिडीह #शताब्दी_वर्ष : महात्मा गांधी के गिरिडीह आगमन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर संगोष्ठी में छात्रों ने उनके विचारों को अपनाने का लिया संकल्प
- गिरिडीह कॉलेज में गांधी जी के गिरिडीह आगमन के 100 वर्ष पर संगोष्ठी आयोजित हुई।
- कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार ने की।
- प्रो. धर्मेन्द्र वर्मा ने किया मंच संचालन।
- छात्रों ने गांधी विचारधारा और युवाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे।
- प्रो. डी. के. वर्मा ने किया धन्यवाद ज्ञापन, एनएसएस स्वयंसेवकों की रही सक्रिय भागीदारी।
गिरिडीह कॉलेज में मंगलवार को आयोजित संगोष्ठी ऐतिहासिक रही, क्योंकि इस अवसर पर महात्मा गांधी के गिरिडीह आगमन के 100 वर्ष पूरे हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांधी जी के आगमन की ऐतिहासिक स्मृति को संजोना और उनके विचारों को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाना था।
गांधी के आदर्शों से प्रेरित होने का आह्वान
संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार ने की और उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि गांधी जी के आदर्श आज भी समाज के हर वर्ग के लिए प्रासंगिक हैं।
उन्होंने कहा कि गांधी जी का गिरिडीह आगमन केवल ऐतिहासिक नहीं बल्कि प्रेरणादायक अध्याय था, जिसने यहां के समाज में जनजागरण की लहर पैदा की।
डॉ. अनुज कुमार ने कहा: “यदि आज के युवा गांधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतार लें, तो न केवल उनका सर्वांगीण विकास होगा बल्कि हम गांधी जी की परिकल्पना के भारत को साकार कर सकेंगे।”
उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे सत्य, अहिंसा, स्वावलंबन और सेवा के मार्ग पर चलकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ।
विद्यार्थियों ने रखे विचार
संगोष्ठी के दौरान कॉलेज के विद्यार्थियों शशिकांत, सुधांशु, कौशल, संस्कार, प्रिया, काजल और चांदनी प्रवीण ने क्रमवार अपने विचार प्रस्तुत किए।
छात्रों ने गांधी जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए कहा कि आज के समय में सत्य और नैतिकता की प्रासंगिकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।
उन्होंने गांधी जी के जीवन के विविध पहलुओं — जैसे चरखा आंदोलन, स्वदेशी अपनाओ और सत्याग्रह की भावना पर प्रकाश डाला।
मंच संचालन प्रोफेसर धर्मेन्द्र वर्मा ने किया और उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में राष्ट्रीय चेतना जगाने का कार्य करते हैं।
एनएसएस की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के स्वयंसेवकों की विशेष उपस्थिति रही।
प्रोफेसर डी. के. वर्मा, जो एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर हैं, ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से युवाओं में समाज सेवा और नेतृत्व की भावना को बढ़ावा मिलता है।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने में हीरा लाल, सिरिल, मिश्रा का विशेष योगदान रहा।
बीएड और स्नातक के छात्रों के साथ-साथ एनएसएस के दर्जनों स्वयंसेवकों ने संगोष्ठी में भाग लेकर गांधी जी के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
न्यूज़ देखो: गांधी के आदर्शों से प्रेरणा लेने का समय
गिरिडीह कॉलेज का यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि गांधी जी के विचार केवल इतिहास नहीं, बल्कि आज की सामाजिक संरचना का भी आधार हैं।
जब समाज दिशा खोज रहा हो, तब युवाओं द्वारा गांधी के मार्ग को अपनाना राष्ट्रीय चेतना का पुनर्जागरण है।
इस तरह के आयोजनों से आने वाली पीढ़ियाँ यह सीखती हैं कि परिवर्तन का रास्ता संघर्ष से नहीं, सत्य और अहिंसा से होकर जाता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
युवाओं में जागे राष्ट्रनिर्माण की भावना
महात्मा गांधी के आदर्श हमें सिखाते हैं कि हर बड़ा परिवर्तन छोटे-छोटे प्रयासों से शुरू होता है।
आज जब समाज अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब युवाओं को गांधी के विचारों को आत्मसात कर नैतिकता, सेवा और सत्यनिष्ठा के मार्ग पर चलना चाहिए।
आइए, इस ऐतिहासिक अवसर पर हम सब मिलकर गांधी जी के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लें।
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