#गिरिडीह #विद्यालयनिरीक्षण : शिक्षा की गुणवत्ता, सुरक्षा और सुविधाओं की ली गई गहन समीक्षा – छात्राओं से बातचीत कर दिए सफलता के टिप्स
- उपायुक्त रामनिवास यादव ने किया चैताडीह विद्यालय का औचक निरीक्षण
- शिक्षा, भोजन, पेयजल, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा
- छात्राओं से पढ़ाई व सुविधा से जुड़े सवाल, स्मार्ट क्लास की जांच
- साइंस लैब, शौचालय, छात्रावास व CCTV की समीक्षा
- गुणवत्ता सुधार को लेकर दिए जरूरी निर्देश
शिक्षा, सुरक्षा और सुविधाओं का समग्र मूल्यांकन
गिरिडीह उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने शनिवार को कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, चैताडीह का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता, भोजन, पेयजल, स्वच्छता, सुरक्षा और स्मार्ट क्लास सहित अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का गहन मूल्यांकन किया।
छात्राओं से संवाद, शिक्षकों से फीडबैक
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने छात्राओं से सीधा संवाद कर उनकी पढ़ाई और दिनचर्या के बारे में जानकारी ली। उन्होंने छात्राओं को बेहतर प्रदर्शन के टिप्स देते हुए कहा कि “नियमित अभ्यास और आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है।”
इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों से शैक्षणिक प्रगति पर चर्चा की और कक्षा संचालन, विद्यार्थियों की उपस्थिति व सीखने के माहौल के संबंध में सुझाव भी मांगे।
बुनियादी सुविधाओं की ली गई समीक्षा
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने साइंस लैब, शौचालय, छात्रावास और CCTV निगरानी व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने उपस्थिति पंजी, सामग्री पंजी और अन्य अभिलेखों की जांच करते हुए आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
शिक्षा की गुणवत्ता प्राथमिकता में
उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना जिला प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता है। “बच्चियों को सुरक्षित और प्रेरणादायी वातावरण मिले, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।”
न्यूज़ देखो: शिक्षा के प्रति ईमानदार नज़र
न्यूज़ देखो का उद्देश्य है प्रशासनिक कामकाज की सच्ची तस्वीर सामने लाना। गिरिडीह उपायुक्त का यह निरीक्षण शिक्षा में पारदर्शिता और सुधार का संकेत है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा की रोशनी से बदलता समाज
विद्यालयों का वास्तविक विकास तभी संभव है जब प्रशासन और शिक्षक मिलकर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित हों। “बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वाभिमान – यही है झारखंड की असली पहचान।”