#गिरिडीह #खनननियंत्रण : अवैध पत्थर, बालू, कोयला और अभ्रक उत्खनन पर नकेल कसने की तैयारी
- जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित।
- अवैध पत्थर, बालू, कोयला व अभ्रक उत्खनन पर हुई गहन चर्चा।
- सीसीएल पट्टा क्षेत्र व वन क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने पर जोर।
- बालू घाट संचालन, भंडारण और परिवहन पर हुई समीक्षा।
- अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
गिरिडीह उपायुक्त की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में हो रहे अवैध पत्थर, बालू, कोयला और अभ्रक उत्खनन की स्थिति पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने पूर्व की बैठकों में लिए गए निर्णयों की बिंदुवार समीक्षा करते हुए उनके अनुपालन की स्थिति जानी और आगे की कार्ययोजना तय की।
अवैध खनन पर सख्त नजर
बैठक में विशेष रूप से सीसीएल के पट्टा क्षेत्रों और वन क्षेत्रों में हो रहे अवैध अभ्रक उत्खनन तथा अन्य स्थानों पर कोयले की अवैध निकासी व प्रेषण की रोकथाम पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया। उपायुक्त ने साफ किया कि किसी भी कीमत पर अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बालू घाट संचालन और निगरानी
बालू घाटों के संचालन, अवैध भंडारण और परिवहन को लेकर भी विस्तृत समीक्षा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि बालू का अवैध उठाव किसी भी सूरत में न हो और इसके लिए नियमित निरीक्षण और सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए।
अधिकारियों को सख्त निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो भी व्यक्ति या गिरोह अवैध खनन, परिवहन या भंडारण में संलिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल कानूनी ही नहीं बल्कि जिले के प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।

न्यूज़ देखो: संसाधनों की सुरक्षा में प्रशासन की जिम्मेदारी
गिरिडीह में प्रशासन की यह सक्रियता जिले के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अवैध खनन पर रोक लगाना न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है, बल्कि यह राजस्व और ग्रामीण विकास के लिए भी अहम है। जनता को भी इस दिशा में प्रशासन का सहयोग करना चाहिए ताकि खनिज संपदा का सही और सुरक्षित उपयोग हो सके।
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जागरूकता से होगा बदलाव
अवैध खनन रोकने की मुहिम तभी सफल होगी जब आम नागरिक भी सतर्क रहें। यदि हम सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं और अवैध गतिविधियों की सूचना प्रशासन तक पहुंचाएं तो जिला और अधिक सुरक्षित बनेगा। अब समय है कि हम सब मिलकर संसाधनों की रक्षा करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर कर जागरूकता बढ़ाएं।