
#गिरिडीह #शिक्षा_विकास : तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम, पलायन रुकेगा और रोजगार बढ़ेगा
- 244 करोड़ 73 लाख रुपये की स्वीकृति कैबिनेट से मिली।
- जरीडीह मौजा की 35 एकड़ जमीन पर बनेगा कॉलेज।
- 24 माह की समयसीमा में भवन निर्माण पूरा होगा।
- सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा संस्थान।
- स्थानीय विद्यार्थियों का पलायन रुकेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
गिरिडीह जिले के लिए ऐतिहासिक दिन रहा जब झारखंड सरकार की कैबिनेट ने यहां राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय (इंजीनियरिंग कॉलेज) निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में यह कदम न केवल जिले बल्कि पूरे संताल परगना व कोयलांचल क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा निवेश
कुल 244 करोड़ 73 लाख 21 हजार 500 रुपये की राशि इस परियोजना के लिए स्वीकृत की गई है। गिरिडीह विधायक सह नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री सुदिव्य कुमार के प्रयासों से यह मंजूरी संभव हो पाई है। कॉलेज का निर्माण सदर प्रखंड अंतर्गत जरीडीह मौजा की 35 एकड़ भूमि पर किया जाएगा, जिसे निःशुल्क अंतर्विभागीय हस्तांतरित किया गया है।
भव्य और आधुनिक कैंपस
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। प्रस्तावित ढांचे में दो एकेडेमिक ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, ऑडिटोरियम, एसआरसी भवन, चार वर्कशॉप, इंडोर स्टेडियम, जनरल स्टोर, एटीएम ब्लॉक, लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास, कैंटीन, स्टाफ क्वार्टर, प्राचार्य आवास, इलेक्ट्रिकल सब स्टेशन और खेलकूद मैदान शामिल हैं।

24 माह में पूरा होगा निर्माण
इस योजना का क्रियान्वयन झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड करेगा। तय समयसीमा के अनुसार निर्माण कार्य 24 माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा और उसके बाद एक माह के भीतर कॉलेज का हस्तांतरण कर दिया जाएगा। परियोजना की निगरानी के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की जाएगी, जो कार्य की गुणवत्ता और प्रगति पर नजर रखेगी।
विद्यार्थियों को होगा बड़ा लाभ
अब तक गिरिडीह और आसपास के जिलों के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग शिक्षा प्राप्त करने के लिए रांची, बोकारो या अन्य राज्यों का रुख करना पड़ता था। विशेषकर छात्राओं के लिए यह सबसे बड़ी बाधा रही। नए कॉलेज के निर्माण से छात्र-छात्राओं को अपने ही जिले में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा उपलब्ध होगी। साथ ही, निर्माण और संचालन से जुड़े कार्यों के जरिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
मंत्री का बयान
सुदिव्य कुमार (विधायक सह नगर विकास एवं आवास मंत्री):
“जनता से जो वादा किया गया था, उसे पूरा किया गया है। तीन वर्षों में गिरिडीह का सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज तैयार हो जाएगा। अब हमारे बच्चों को तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी की विकासशील सोच का परिणाम है।”
न्यूज़ देखो: शिक्षा और विकास की नई दिशा
गिरिडीह में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना से यह क्षेत्र तकनीकी शिक्षा का हब बन सकता है। इससे न केवल पलायन रुकेगा बल्कि स्थानीय प्रतिभाओं को चमकने का अवसर मिलेगा। इस कदम से आने वाली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर करियर की राह मिलेगी।
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नई पीढ़ी के लिए उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम
गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण युवाओं के सपनों को नई उड़ान देगा। अब समय है कि हम सब इस ऐतिहासिक उपलब्धि का स्वागत करें और तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में सहयोग करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि हर विद्यार्थी तक यह खुशखबरी पहुंच सके।