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गिरिडीह नगर निगम की दुकानों तोड़ने की कार्रवाई स्थगित, हाईकोर्ट स्टे आदेश ने बचाई दुकानदारों की संपत्ति

#गिरिडीह #नगरनिगमकार्रवाई : निगम द्वारा शहर की 22 दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई हाईकोर्ट के स्टे आदेश के चलते स्थगित

गिरिडीह नगर निगम की कार्रवाई आज अपनी अंतिम तारीख पर पहुँची थी, लेकिन शहर के दुकानदारों ने हाईकोर्ट का स्टे आदेश लेकर अपने व्यापार और संपत्ति को सुरक्षित रखा। निगम की टीम जेसीबी और पुलिस बल के साथ दुकानों को तोड़ने के लिए मैदान में थी, तभी दुकानदारों ने विरोध शुरू कर दिया।

कोर्ट स्टे आदेश से मिली राहत

दुकानदारों के वकील सुजीत कुमार सिंह ने मौके पर बताया कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है और कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल दुकान खाली कराने की प्रक्रिया हो सकती है, तोड़फोड़ नहीं। निगम अधिकारियों ने कोर्ट आदेश देखकर तुरंत जेसीबी और पुलिस को वापस बुला लिया। इस निर्णय से दुकानदारों ने राहत की सांस ली और कानून का सम्मान करने की बात कही।

दुकानदार सुजीत कुमार सिंह ने कहा: “कोर्ट के आदेश ने हमारी दुकानों को बचा लिया। हम प्रशासन और कानून का सम्मान करते हैं, और 15 अक्टूबर तक अपने नए स्थान पर शिफ्ट करने के लिए तैयार हैं।”

दुकानदारों की स्थिति और निगम की योजना

नगर निगम ने पहले ही मकतपुर सब्जी मार्केट में दुकानों का आवंटन कर दिया है। हालांकि, अधिकांश दुकानदार नए स्थान पर शिफ्ट करने को अभी तैयार नहीं हैं। सहायक नगर आयुक्त अशोक हांसदा ने बताया कि निगम ने सभी दुकानदारों को 15 अक्टूबर तक शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। समय सीमा के बाद निगम कानूनी कार्रवाई करने का संकेत दे चुका है।

प्रशासन और दुकानदारों के बीच संतुलन

नगर निगम और दुकानदारों के बीच यह मामला यह दर्शाता है कि कानूनी प्रक्रिया और प्रशासनिक कार्रवाई दोनों का संतुलन आवश्यक है। कोर्ट स्टे आदेश ने स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखा और दुकानदारों की संपत्ति को असुरक्षित होने से बचाया।

न्यूज़ देखो: कानून और प्रशासनिक कार्रवाई में संतुलन जरूरी

यह घटना स्पष्ट करती है कि प्रशासनिक कार्रवाई और कानून का पालन एक साथ होना चाहिए। हाईकोर्ट के स्टे आदेश ने दुकानदारों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की और समयबद्ध तरीके से हल निकालने का मार्ग प्रशस्त किया।

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