#गिरिडीह #बालसुरक्षाप्रशिक्षण : नगर भवन में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत बाल संरक्षण पर प्रशिक्षण आयोजित — उपायुक्त रामनिवास यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ
- “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत बाल सुरक्षा प्रशिक्षण
- बाल विवाह, POCSO, फोस्टर केयर जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा
- जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की रही सक्रिय भागीदारी
- पंचायत स्तर पर बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण पर ज़ोर
- बाल कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर दिए निर्देश
बाल अधिकारों को लेकर व्यापक प्रशिक्षण का आयोजन
गिरिडीह नगर भवन में सोमवार को “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के अंतर्गत किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 पर आधारित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जिले में बाल संरक्षण से जुड़े कानूनों और अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाना तथा समाज में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना था।
उपायुक्त ने किया उद्घाटन, दिया सुरक्षा का संदेश
उपायुक्त रामनिवास यादव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और अपने संबोधन में कहा कि हर पंचायत स्तर पर बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल व्यापार, यौन शोषण से सुरक्षा (POCSO), फोस्टर केयर और आफ्टर केयर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर समाज में सक्रिय जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत बताई।
अधिकारियों ने साझा किए क्रियान्वयन संबंधी अनुभव
प्रशिक्षण में जिला पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग और अन्य प्रमुख विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। चर्चा में यह बात उभरकर सामने आई कि बाल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं का प्रभावशाली क्रियान्वयन ही बच्चों को सुरक्षित भविष्य की दिशा में ले जाएगा।
विशेष बच्चों की पहचान हेतु सर्वे और योजनाएं
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि विशेष बच्चों की पहचान हेतु सर्वेक्षण कर उचित योजना का लाभ उन्हें दिलाया जाए। साथ ही बाल श्रमिकों की पहचान कर पुनर्वास, शिक्षा और स्वास्थ्य से जोड़ने की नीति पर अमल किया जाए। फोस्टर केयर और आफ्टर केयर योजनाओं के ज़रिए परित्यक्त या अनाथ बच्चों को संरक्षित जीवन देना जरूरी बताया गया।
न्यूज़ देखो: बाल अधिकारों की सुरक्षा, प्रशासन की प्राथमिकता
गिरिडीह में हुआ यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
न्यूज़ देखो मानता है कि जब कानून और जनजागरूकता साथ चलते हैं, तभी बच्चों को एक सुरक्षित, सम्मानजनक और उज्जवल भविष्य की गारंटी मिलती है।
प्रशासन की यह पहल बाल संरक्षण तंत्र को मज़बूत करेगी और ज़मीनी स्तर तक जागरूकता लाएगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित बचपन, सुनहरा भविष्य
हर बच्चा सुरक्षित माहौल में पले, यह सिर्फ सरकार नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी है।
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