
#गिरिडीह #स्वास्थ्यकर्मी_हड़ताल : बगोदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सात सूत्री मांगों को लेकर शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल — इमरजेंसी सेवा को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं ठप
- स्वास्थ्यकर्मी तीन महीने से लंबित वेतन भुगतान की मांग पर अड़े
- अनिश्चितकालीन हड़ताल से ओपीडी, जांच व भर्ती सेवा ठप
- प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल परिसर में धरना शुरू किया
- सेवा शर्तों में सुधार और स्थायीकरण की मांग भी प्रमुख
- प्रशासन की ओर से समाधान नहीं होने से नाराजगी बढ़ी
हड़ताल पर गए स्वास्थ्यकर्मी, मरीजों की बढ़ी मुश्किलें
बगोदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं ट्रॉमा सेंटर, गिरिडीह में आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इन कर्मियों की मुख्य मांगों में तीन महीने से लंबित वेतन भुगतान, सेवा शर्तों में संशोधन और स्थायीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाना शामिल है।
इमरजेंसी सेवा छोड़कर बाकी सब ठप
हड़ताली कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में ही धरना स्थल बनाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। केवल इमरजेंसी सेवा चालू रखी गई है, जबकि ओपीडी, पैथोलॉजी, भर्ती प्रक्रिया, रिपोर्टिंग और परामर्श जैसी सामान्य सेवाएं पूरी तरह बाधित हो गई हैं। इससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले दर्जनों मरीजों को भटकना पड़ा, कुछ मरीजों को वापस लौटना भी पड़ा।
कर्मचारियों ने कहा: सुनवाई नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा
प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों ने आरोप लगाया कि वेतन न मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इसके साथ ही सेवा शर्तों की स्पष्टता, कार्यस्थल पर सुरक्षा, स्थायीत्व की गारंटी और चिकित्सा सुविधा जैसी बुनियादी जरूरतें अभी भी अधूरी हैं। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक प्रशासन कोई ठोस समाधान नहीं करता, हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी।
स्वास्थ्यकर्मी प्रतिनिधियों का कहना है: “हम महीनों से बगैर वेतन काम कर रहे हैं, रोज़मर्रा की ज़रूरतें तक नहीं पूरी हो पा रही हैं। बार-बार मांगों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई, मजबूरन हमें आंदोलन करना पड़ा।”
मरीजों की सेवा पर पड़ा असर, समाधान जरूरी
इस हड़ताल से गांव-देहात से इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। जो लोग सरकारी अस्पताल में कम खर्च पर इलाज कराने की उम्मीद में आते हैं, उन्हें बिना सेवा के लौटना पड़ रहा है। कई लोग इलाज के बिना ही प्राइवेट क्लीनिक की ओर रुख करने को मजबूर हो गए हैं।
न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य व्यवस्था को जगाना जरूरी है
बगोदर ट्रॉमा सेंटर में जारी यह हड़ताल स्वास्थ्य व्यवस्था की वेदना को उजागर करती है।
न्यूज़ देखो यह मानता है कि जब सेवा देने वाले ही उपेक्षित हों, तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा?
प्रशासन को चाहिए कि वह संवाद स्थापित कर समाधान की पहल करे, जिससे जनसेवा प्रभावित न हो।
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