
#गिरिडीह #साइबर_अभियान : टाटा सफारी से फरार गिरोह का पीछा करते हुए पुलिस ने तीन अपराधियों को पकड़ा — कुख्यात प्रदीप मंडल अब भी फरार
- गिरिडीह पुलिस ने बेंगाबाद थाना क्षेत्र में की बड़ी कार्रवाई।
- बुढ़ई थाना की सूचना पर टोल टैक्स के पास नाकेबंदी की गई।
- काली टाटा सफारी में सवार आधा दर्जन साइबर ठगों में से तीन गिरफ्तार।
- कुख्यात ठग प्रदीप मंडल, जिसने छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड कर्मचारी से 23 लाख की ठगी की थी, अब भी फरार।
- 33 लाख मूल्य की टाटा सफारी जब्त, गिरिडीह और गढ़वा पुलिस टीम जांच में जुटी।
गिरिडीह पुलिस ने मंगलवार को बेंगाबाद थाना क्षेत्र के टोल टैक्स के पास एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन साइबर अपराधियों को धर दबोचा। यह कार्रवाई बुढ़ई थाना से मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी, जिसमें बताया गया था कि एक कुख्यात गिरोह टाटा सफारी में फरार होने की फिराक में है। पुलिस ने त्वरित नाकेबंदी कर गाड़ी को रोका और गहन जांच के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। जबकि गिरोह का सरगना प्रदीप मंडल मौके का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा।
कुख्यात प्रदीप मंडल ने की थी लाखों की ठगी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरार आरोपी प्रदीप मंडल झारखंड और आसपास के राज्यों में सक्रिय एक बड़े साइबर गिरोह का हिस्सा है। बताया गया कि उसने हाल ही में छत्तीसगढ़ के एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी से 23 लाख रुपये की ठगी की थी। इस मामले की जांच पहले से जारी थी और गिरिडीह पुलिस को उसकी तलाश लंबे समय से थी। बुढ़ई थाना क्षेत्र से सूचना मिली कि प्रदीप मंडल अपने सहयोगियों के साथ गिरिडीह की ओर भाग रहा है, जिसके बाद पुलिस ने बेंगाबाद क्षेत्र में नाकेबंदी की योजना बनाई।
नाकेबंदी में फंसी सफारी, तीन गिरफ्तार
पुलिस ने टोल टैक्स के पास संदिग्ध काली टाटा सफारी को रोककर तलाशी ली। गाड़ी में आधा दर्जन साइबर ठग मौजूद थे, जिनमें से तीन को पुलिस ने मौके पर गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी प्रदीप मंडल और दो अन्य अपराधी भागने में सफल रहे। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जिनसे यह साफ हुआ है कि गिरोह का नेटवर्क झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक फैला हुआ है।
गिरिडीह पुलिस ने अपराधियों के पास से कई मोबाइल फोन, बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड और अन्य तकनीकी उपकरण भी जब्त किए हैं, जो ठगी के दौरान उपयोग किए जाते थे।
33 लाख की टाटा सफारी जब्त, कई खुलासों की उम्मीद
जांच के दौरान यह सामने आया कि अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही टाटा सफारी की कीमत लगभग 33 लाख रुपये है, जिसे अवैध कमाई से खरीदा गया था। पुलिस अब गाड़ी के दस्तावेजों की भी जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि इसे किस नाम पर रजिस्टर कराया गया था और गिरोह का वित्तीय नेटवर्क किन माध्यमों से संचालित होता है।
गिरफ्तार तीनों आरोपी पुलिस की पूछताछ में कई अहम खुलासे कर रहे हैं। गिरिडीह पुलिस ने बताया कि गढ़वा पुलिस टीम भी इस मामले की जांच में शामिल हो गई है ताकि इस अंतरराज्यीय गिरोह की पूरी जड़ें उखाड़ी जा सकें।
साइबर अपराध के खिलाफ सख्त रुख
हाल के दिनों में झारखंड के कई जिलों से साइबर अपराध के मामले लगातार सामने आए हैं। इन घटनाओं से राज्य की छवि प्रभावित हुई है, लेकिन गिरिडीह पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि अब अपराधियों के लिए बच निकलना आसान नहीं होगा। पुलिस की यह मुहिम न केवल अपराधियों के हौसले पस्त कर रही है बल्कि आम नागरिकों में भरोसा भी जगा रही है।
न्यूज़ देखो: गिरिडीह में साइबर अपराध पर कसता शिकंजा
गिरिडीह पुलिस की यह कार्रवाई बताती है कि अब झारखंड पुलिस साइबर अपराध के खिलाफ गंभीर है। लगातार हो रही गिरफ्तारियां और तकनीकी जांच से यह साफ है कि राज्य में अब ठगों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जनता को भी सजग रहना होगा और किसी संदिग्ध कॉल या लिंक पर जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।
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जागरूक बनें, साइबर सुरक्षा में सहयोग दें
साइबर ठग हर दिन नए तरीके अपनाकर आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। हमें चाहिए कि किसी भी अजनबी कॉल, ईमेल या ऑनलाइन ऑफर पर भरोसा न करें। अपने परिवार और समाज को भी इस खतरे से आगाह करें। पुलिस की इस कार्रवाई को साझा करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हों।
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