
#गिरिडीह #अवैधहथियार : पुलिस ने भूमिगत कमरे से हथियार निर्माण में लगे अपराधियों को पकड़ा—बड़ी मात्रा में पिस्टल, पुर्जे और मशीन बरामद
- महेशमरवा गांव में गुप्त सूचना पर छापामारी कार्रवाई।
- घर के भूमिगत कमरे से छह लोग हथियार बनाते पकड़े गए।
- छह देशी पिस्टल, 12 अर्धनिर्मित पिस्टल, मैगजीन व पुर्जे बरामद।
- अवैध हथियार निर्माण हेतु मुंगेर से मशीन व सामान लाने की जानकारी।
- मुख्य आरोपी उस्मान अंसारी फरार, खोज जारी।
गिरिडीह पुलिस ने बुधवार देर रात गाण्डेय थाना क्षेत्र के महेशमरवा गांव में एक बड़े अवैध हथियार निर्माण केंद्र का भंडाफोड़ किया। पुलिस अधीक्षक को प्राप्त गुप्त सूचना की पुष्टि होते ही सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने शायर अली के घर को घेरकर छापामारी की, जहां जमीन के नीचे बनाए गए एक गुप्त कमरे में अपराधियों को अवैध पिस्टल बनाते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक सक्रिय अंतरराज्यीय हथियार गिरोह की बड़ी गतिविधि को रोक दिया।
भूमिगत कमरे में चल रहा था हथियार निर्माण केंद्र
छापामारी के दौरान पुलिस टीम ने शायर अली के घर में बने अंडरग्राउंड कमरे को खोज निकाला। इस कमरे में छह लोग हथियार निर्माण की प्रक्रिया में जुटे थे। गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में बताया कि मुख्य अपराधी उस्मान अंसारी के सहयोग से दो दिन पहले मुंगेर से मशीनें और पुर्जे लाए गए थे और यहां हथियार तैयार किए जा रहे थे। इस गिरोह के सदस्य पूर्व में भी बिहार व अन्य राज्यों में हथियार मामलों में जेल जा चुके हैं।
भारी मात्रा में हथियार और निर्माण सामग्री बरामद
पुलिस को जमकर सफलता मिली, जब कमरे से हथियारों का एक बड़ा जखीरा मिला। इसमें 6 देशी पिस्टल, 11 मैगजीन, 12 अर्धनिर्मित पिस्टल, 13 बैरल, 12 स्लाइड, 6 बेस मिलिंग मशीन, पिस्टल बनाने के उपकरण, ड्रिल मशीन, सनमाइका प्लेट, रेती, स्प्रिंग, लोहा के प्लेट, हथौड़ी, डाइस, हेक्सा ब्लेड, मोबाइल फोन और एक हीरो पैशन मोटरसाइकिल शामिल है। बरामद सामग्री clearly बताती है कि यहां बड़े पैमाने पर हथियार निर्माण किया जा रहा था।
गिरफ्तार और फरार अपराधी
गिरफ्तार अपराधियों में शायर अली, फुरकान अंसारी, मो. चुन्ना उर्फ वसीम, मो. शमीर मल्लिक उर्फ सद्दाम, मो. मंगली, मो. कमरुदीन शामिल हैं। सभी का संबंध झारखंड के देवघर व बिहार के मुंगेर जिलों से है।
मुख्य आरोपी उस्मान अंसारी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
गिरोह का आपराधिक इतिहास
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरफ्तार अपराधी पूर्व में भी कई जिलों में शस्त्र अधिनियम के मामलों में जेल जा चुके हैं। इनमें गौरिचक थाना, मसरक थाना (सारण) आदि के मामले शामिल हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यह गिरोह लंबे समय से पेशेवर रूप से अवैध हथियार निर्माण में संलिप्त रहा है।
छापामारी दल की भूमिका
कार्रवाई में एसडीपीओ जितवाहन उरांव के नेतृत्व में गाण्डेय व आसपास के थानों के थाना प्रभारी, पुलिस पदाधिकारी, तकनीकी शाखा और रिज़र्व गार्ड की टीम शामिल रही। पूरी टीम ने समन्वित रूप से कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़े हथियार निर्माण नेटवर्क को ध्वस्त करना संभव हो पाया।

न्यूज़ देखो: गिरिडीह में अवैध हथियारों के नेटवर्क पर पुलिस की निर्णायक चोट
इस कार्रवाई ने यह साबित किया है कि गिरिडीह और आसपास के जिलों में सक्रिय हथियार गिरोह लगातार नए तरीकों से अपने नेटवर्क को फैलाने की कोशिश करते हैं। ऐसे समय में पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और सतर्कता सराहनीय है। लेकिन इस नेटवर्क की जड़ें गहरी हैं—मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी और इस गिरोह के सप्लाई चैन की पहचान आगे की सबसे बड़ी चुनौती है।
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अपराध पर सख्ती ज़रूरी—जागरूक नागरिक समाज की भूमिका अहम
अवैध हथियार समाज में हिंसा का बड़ा कारण बनते हैं। ऐसे में नागरिकों का दायित्व है कि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें और अपराध मुक्त समाज के निर्माण में सहयोग करें। अब समय है कि हम सब जागरूक बनें—अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें, ताकि अपराध के खिलाफ जनजागरूकता बढ़ सके।





