
#गिरिडीह #सऊदीअरब : रोज़गार की तलाश में गए युवक की जेद्दा में गोली लगने से मौत
- गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड निवासी विजय कुमार महतो (26 वर्ष) की सऊदी अरब के जेद्दा में गोली लगने से मौत।
- 16 अक्टूबर को पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ के दौरान अनजाने में आए गोलीबारी की चपेट में।
- गंभीर रूप से घायल विजय का इलाज स्थानीय अस्पताल में चला, लेकिन 24 अक्टूबर को मृत्यु हो गई।
- विजय पिछले दो साल से ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट में एक निजी कंपनी में कर रहे थे काम।
- परिवार में मातम, ग्रामीणों ने सरकार से पार्थिव शरीर लाने और मुआवजा देने की मांग की।
सऊदी अरब से एक दुखद खबर आई है जिसने गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड को शोक में डूबो दिया है। डुमरी निवासी 26 वर्षीय विजय कुमार महतो, जो पिछले दो वर्षों से जेद्दा में एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे, वहां हुई गोलीबारी की चपेट में आकर मौत के शिकार हो गए।
रोज़गार की तलाश में गए थे विदेश
परिवार के अनुसार विजय बेहतर भविष्य और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से दो वर्ष पूर्व सऊदी अरब गए थे। वे ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट में कार्यरत थे और रोजाना की तरह 16 अक्टूबर को भी अपने काम पर निकले थे। उसी दौरान जेद्दा के एक इलाके में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
विजय उस क्षेत्र से गुजर रहे थे, तभी अनजाने में गोलीबारी की चपेट में आ गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां करीब आठ दिनों तक जीवन-मृत्यु से संघर्ष करने के बाद 24 अक्टूबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिवार में पसरा मातम
विजय की मौत की खबर मिलते ही डुमरी स्थित उनके घर और पूरे गांव में मातम पसर गया। परिजन रो-रोकर बेहाल हैं, जबकि पूरे क्षेत्र में गम का माहौल है। गांव के लोगों ने बताया कि विजय एक मेहनती और शांत स्वभाव के युवक थे, जिन्होंने परिवार को संवारने का सपना लेकर विदेश का रुख किया था।
परिजनों ने कहा: “विजय हमेशा परिवार को खुश देखना चाहते थे। हमें उम्मीद थी कि जल्द वह घर लौटेंगे, लेकिन अब वह लौटेंगे तो केवल तिरंगे में लिपटे हुए।”
स्थानीय ग्रामीणों ने राज्य और केंद्र सरकार से पार्थिव शरीर को जल्द भारत लाने और परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है।
जेद्दा प्रशासन से संपर्क में भारतीय दूतावास
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय दूतावास, रियाद और भारतीय समुदाय के कुछ स्वयंसेवी संगठन मृतक के पार्थिव शरीर को भारत भेजने की प्रक्रिया में लगे हैं। प्रशासनिक औपचारिकताओं के बाद विजय का शव जल्द गिरिडीह पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यह घटना उन हजारों युवाओं के लिए चेतावनी है जो बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश जाते हैं। कई बार परिश्रम के साथ-साथ किस्मत भी अपना खेल दिखा देती है।
न्यूज़ देखो: प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर उस सवाल को सामने लाती है कि विदेशों में काम करने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा कितनी सुनिश्चित है। सरकार को चाहिए कि विदेश मंत्रालय के माध्यम से ऐसे हादसों पर त्वरित कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता मिले।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संवेदना और सजगता का समय
विजय महतो की असमय मृत्यु पूरे समाज के लिए एक दर्दनाक झटका है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को इस कठिन घड़ी में संबल प्रदान करे।
अब समय है कि हम सभी अपने प्रवासी भाइयों की सुरक्षा और सम्मान के लिए एकजुट हों। अपनी संवेदनाएं व्यक्त करें और इस खबर को साझा करें ताकि सरकार तक हर आवाज़ पहुंचे।




