
#गिरीडीह #SummerCamp – बिना आग के कुकिंग से लेकर रेन डांस तक, बच्चों की भागीदारी ने समर कैंप को बना दिया यादगार अनुभव
- गिरीडीह के ओपन माइंड वर्ल्ड स्कूल में चल रहा समर कैंप पहुँचा तीसरे दिन पर
- फायरलेस कुकिंग, एम एंड विन गेम्स, क्राफ्ट एक्टिविटी और रेन डांस रहीं मुख्य आकर्षण
- बच्चों ने दिखाया आत्मनिर्भरता, रचनात्मकता और अनुशासन का अद्भुत समन्वय
- श्रीमती नीता दास, नंदिता दे और सीता ओझा के मार्गदर्शन में हुई सभी गतिविधियाँ
- शिक्षकों और स्टाफ की सक्रिय सहभागिता ने बढ़ाया बच्चों का उत्साह
रचनात्मकता की उड़ान: बच्चों ने बिना आग के बनाए स्वादिष्ट व्यंजन
समर कैंप के तीसरे दिन की शुरुआत फायरलेस कुकिंग से हुई, जहां बच्चों ने बिना गैस या बिजली के स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन तैयार किए। इस गतिविधि ने बच्चों में आत्मनिर्भरता और रचनात्मक सोच को बढ़ावा दिया।
खेल के माध्यम से सीख: ‘एम एंड विन’ बना आकर्षण का केंद्र
‘एम एंड विन’ नामक खेल के जरिए बच्चों ने लक्ष्य निर्धारण, टीमवर्क और आत्मविश्वास के साथ सफलता हासिल करने की कला सीखी। यह गतिविधि बच्चों के मानसिक विकास में मददगार रही।
कलात्मक अभिव्यक्ति: क्राफ्ट एक्टिविटी से निखरी प्रतिभा
क्राफ्ट सेशन में बच्चों ने रंग-बिरंगे कागजों और अन्य सामग्रियों से अद्भुत कलाकृतियाँ बनाईं। इस क्रियाकलाप ने उनकी कल्पनाशक्ति और सृजनात्मकता को एक नई दिशा दी।
रेन डांस में झूमे बच्चे, गर्मी को कहा अलविदा
दिन का समापन रेन डांस के साथ हुआ, जिसमें बच्चों ने पानी की फुहारों और संगीत की धुनों पर झूमते हुए मस्ती और आनंद का अनुभव किया।
प्रेरणादायक नेतृत्व और समर्पित शिक्षक
सभी गतिविधियाँ विद्यालय की एकेडमिक हेड श्रीमती नीता दास, समर कैंप इंचार्ज श्रीमती नंदिता दे एवं श्रीमती सीता ओझा के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुईं। इसके अलावा शिक्षकगण – मोहम्मद शहरयार, विनय कुमार राय, धीरज जायसवाल, आनंद प्रकाश, जगदेव, कर्मवीर पांडे, रवि, सैफुद्दीन, सुप्रियो चौधरी, संदीप सोला, वंदना सिन्हा, फौजिया, मारिया, मेहर खान, प्रियंका जायसवाल, मेहर साकिर, प्रियंका, कुसुम कुमारी, नुजहत परवीन, ज्योति छाबड़ा, शिवानी आनंद, बसंती एवं रितु की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही।
न्यूज़ देखो : छुट्टियों में शिक्षा और आनंद का संगम
न्यूज़ देखो यह मानता है कि ऐसे समर कैंप बच्चों के सर्वांगीण विकास का एक सशक्त माध्यम हैं। शिक्षा को आनंद से जोड़ने की यह पहल न केवल बच्चों को व्यावहारिक जीवन के लिए तैयार करती है, बल्कि उनके भीतर की प्रतिभा को भी निखारती है।
गिरीडीह जैसे जिलों में इस तरह की पहलें बाल शिक्षा की दिशा में प्रेरणास्पद उदाहरण बन रही हैं।