
#गिरिडीह #विकासपरियोजना : नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू की पहल पर 25 करोड़ की दो योजनाओं का रास्ता साफ – शहर को मिलेगी आधुनिक पहचान
- उसरी रिवर फ्रंट परियोजना पर खर्च होंगे लगभग 12 करोड़ रुपये।
- सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के लिए निर्धारित किए गए 13 करोड़ रुपये।
- डीपीआर तैयार, अब नगर विकास एवं आवास विभाग से मंजूरी की प्रतीक्षा।
- अरगाघाट से पुराने पुल तक विकसित होगा रिवर फ्रंट, बनेगा पार्क और जॉगिंग ट्रैक।
- पांच स्थानों पर लगाए जाएंगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, स्वच्छ होगी उसरी नदी।
गिरिडीह नगर निगम क्षेत्र के लोगों के लिए खुशखबरी है। शहर को अब दो महत्वपूर्ण विकास योजनाओं की सौगात मिलने जा रही है – उसरी रिवर फ्रंट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP)। नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू की पहल पर लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से दोनों परियोजनाओं के क्रियान्वयन का रास्ता साफ हो गया है। इनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर विभाग को स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी है। मंजूरी मिलते ही टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
शहर की सुंदरता और सेहत दोनों का ध्यान रखेगा रिवर फ्रंट
लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली उसरी रिवर फ्रंट परियोजना शहर के स्वरूप को नया आयाम देगी। यह परियोजना अरगाघाट से पुराने पुल तक विकसित की जाएगी। इसमें आकर्षक पार्क, जॉगिंग ट्रैक, ओपन जिम, बच्चों के खेल उपकरण, बैठने की व्यवस्था और आधुनिक लाइटिंग की सुविधाएं शामिल होंगी। इसका उद्देश्य शहरवासियों को मनोरंजन और स्वास्थ्य के लिए एक आदर्श स्थल प्रदान करना है।
नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा: “रिवर फ्रंट बनने के बाद गिरिडीह के लोगों को सुबह-शाम सैर, व्यायाम और परिवार के साथ समय बिताने के लिए एक सुंदर स्थान मिलेगा।”
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ होगी उसरी नदी
शहर के पर्यावरण और नदी स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) परियोजना भी शुरू की जा रही है। इसके तहत बनखंजो से झरियागादी तक पांच स्थानों पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। इनसे शहर के नालों का गंदा पानी शुद्ध होकर नदी में जाएगा। इससे उसरी नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार होगा और छठ जैसे पर्वों पर श्रद्धालुओं को अब असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मंत्री ने कहा: “हमारा लक्ष्य है कि गिरिडीह को स्वच्छ, हरित और आधुनिक स्वरूप दिया जाए। जब नदी साफ होगी और जल प्रदूषण रुकेगा, तभी शहर का विकास स्थायी होगा।”
दोनों योजनाओं से बदलेगा गिरिडीह का स्वरूप
इन दोनों परियोजनाओं से गिरिडीह न केवल स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रसर होगा, बल्कि शहरी सौंदर्यीकरण और नागरिक सुविधाओं में भी बड़ी छलांग लगाएगा। रिवर फ्रंट के माध्यम से शहर को एक सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। वहीं, STP परियोजना से नालों के गंदे पानी को रोकने से पर्यावरणीय संतुलन में सुधार होगा।
नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि इन योजनाओं के पूरा होने के बाद शहर के लोगों को न केवल स्वच्छ वातावरण मिलेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
एक अधिकारी ने कहा: “रिवर फ्रंट के बनने से शहर की पहचान बदलेगी और लोगों को प्रकृति से जुड़ने का नया अनुभव मिलेगा।”
न्यूज़ देखो: गिरिडीह की छवि बदलने की दिशा में ऐतिहासिक कदम
गिरिडीह के लिए ये दोनों परियोजनाएं विकास के नए युग की शुरुआत हैं। शहर को सुंदर और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास है। यदि ये योजनाएं तय समय पर पूरी होती हैं, तो गिरिडीह झारखंड के सबसे सुंदर और स्वच्छ नगरों में शुमार हो सकता है।
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अब समय है बदलाव को अपनाने का
शहर के विकास की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है। जब प्रशासन योजनाएं बनाता है, तो लोगों का सहयोग उन्हें सफल बनाता है। गिरिडीह के लोग अगर इस अभियान को जनभागीदारी का रूप दें, तो आने वाले वर्षों में यह शहर आधुनिकता और स्वच्छता का उदाहरण बन सकता है।
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