गिरिडीह : मजदूरों को 15 दिन में मिलेगा बकाया वेतन, डीबीएल कंपनी प्रबंधक से यूनियन की वार्ता सफल

#गिरिडीह #मजदूरवेतनसमझौता – यूनियन की पहल से मजदूरों को मिला भरोसा, सम्मानजनक वेतन और सुविधाएं देने का वादा

मजदूरों के हक की लड़ाई में यूनियन की बड़ी पहल

डुमरी प्रखंड (गिरिडीह) में झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन की अगुवाई में डीबीएल कंपनी के प्रबंधन से मजदूरों की लंबित मजदूरी और अधिकारों को लेकर महत्वपूर्ण वार्ता हुई। यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो जी ने कंपनी प्रबंधक कृष्णा प्रसाद तिवारी जी से मिलकर स्पष्ट कहा कि मजदूरों के बकाया वेतन का शीघ्र भुगतान किया जाए।

15 दिन में भुगतान और सम्मानजनक मजदूरी का वादा

वार्ता के दौरान प्रबंधक ने यूनियन पदाधिकारियों को भरोसा दिलाया कि सभी मजदूरों को 15 दिन के भीतर उनकी पूरी बकाया मजदूरी का भुगतान कर दिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी सहमति बनी कि आगे से मजदूरों को उचित सम्मानजनक वेतन और सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

“हम मजदूरों को उनका अधिकार दिलाकर ही दम लेंगे। किसी को शोषण की इजाजत नहीं दी जाएगी।” – गंगाधर महतो, केंद्रीय अध्यक्ष

यूनियन की एकजुटता और महिला सहभागिता रही अहम

इस वार्ता में यूनियन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल रहे, जिनमें केंद्रीय उपाध्यक्ष भगतु रविदास उर्फ रवि कुमार, केंद्रीय महासचिव रवींद्र कुमार, गुलाम गौस, कोषाध्यक्ष नुनूचन्द महतो, प्रखंड अध्यक्ष राजेंद्र यादव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

महिला मोर्चा से भी सीमा देवी (जिला महिला मोर्चा सचिव), अमृत रविदास (जिला सदस्य), हेमा देवी (प्रखंड महिला मोर्चा उपाध्यक्ष), समीना खातून (महासचिव), जगती देवी, बबीता देवी सहित अनेक महिलाएं शामिल हुईं और मजदूर अधिकारों की आवाज बुलंद की।

न्यूज़ देखो: एकता से मिलेगा न्याय

मजदूरों की समस्याओं का हल तभी मुमकिन है जब संगठन मजबूत हो और नेतृत्व दृढ़ संकल्पित। न्यूज़ देखो इस सकारात्मक पहल का स्वागत करता है और आशा करता है कि सभी मजदूरों को समय पर उनका मेहनताना और सम्मान मिलेगा। ऐसे प्रयासों से ही समानता और न्याय की नींव मजबूत होगी।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब मजदूरों की आवाज दबेगी नहीं

डीबीएल कंपनी के प्रबंधन द्वारा मजदूरों को बकाया वेतन और सुविधाएं देने का आश्वासन मजदूर हित में बड़ा कदम है। यह वार्ता साबित करती है कि संगठित संघर्ष से हक हासिल किया जा सकता है। यूनियन की यह सफलता अन्य मजदूर संगठनों के लिए भी प्रेरणा बनेगी।

Exit mobile version