#गिरिडीह #शिक्षा : मेहनत और लगन से रितिका ने हासिल की कामयाबी, गांव से लेकर जिले तक खुशी की लहर
- गिरिडीह जिले के गांडेय प्रखंड की बेटी रितिका का इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में चयन।
- प्रमोद पंडित और सोनम पंडित की पुत्री ने मेहनत से पाया मुकाम।
- गुरुकुल पब्लिक स्कूल धनबाद में रखी शिक्षा की मजबूत नींव।
- सफलता का श्रेय विद्यालय निदेशक एम.के. सिंह और शिक्षकों को दिया।
- ग्रामीणों ने कहा – यह पूरे समाज की जीत और बेटियों के लिए प्रेरणा।
गिरिडीह जिले के गांडेय प्रखंड की होनहार बेटी रितिका पंडित ने अपनी मेहनत और लगन से एक बार फिर साबित किया है कि ग्रामीण अंचल की बच्चियाँ भी बड़े सपने देख सकती हैं और उन्हें साकार करने का साहस रखती हैं। प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में उनका चयन होने से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा क्षेत्र गौरवान्वित है।
रितिका की शिक्षा और संघर्ष की कहानी
प्रमोद पंडित और सोनम पंडित की एकलौती पुत्री रितिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा धनबाद के गुरुकुल पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने विद्यालय निदेशक एम.के. सिंह और अपने प्रिय शिक्षक जय कुमार चौधरी व अमन सिंह को दिया। रितिका ने भावुक होकर कहा –
“अगर मेरे माता-पिता का त्याग और शिक्षकों का मार्गदर्शन न होता, तो यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाता।”
विद्यालय और शिक्षकों की खुशी
रितिका की इस उपलब्धि पर गुरुकुल पब्लिक स्कूल परिवार में हर्ष की लहर दौड़ गई। विद्यालय के निदेशक एम.के. सिंह ने कहा कि रितिका ने यह साबित कर दिया है कि कठिन परिस्थितियाँ कभी भी बाधा नहीं बनतीं, बल्कि सफलता की सीढ़ियाँ बन सकती हैं। वहीं शिक्षकों ने इसे विद्यालय और जिले की बड़ी उपलब्धि करार दिया।
गांव और जिले में जश्न का माहौल
गांव गांडेय से लेकर पूरे गिरिडीह जिले में रितिका की सफलता की गूंज सुनाई दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जीत है। उनका मानना है कि बेटियाँ अगर अवसर पाएँ तो उनकी उड़ान को कोई नहीं रोक सकता।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश पाना आसान नहीं होता। कठिन चयन प्रक्रिया और प्रतियोगी माहौल के बावजूद रितिका ने अपने परिश्रम से यह मुकाम हासिल किया है। यह उपलब्धि साबित करती है कि प्रतिभा को केवल अवसर की आवश्यकता होती है।
न्यूज़ देखो: बेटियों की उड़ान से बदल रहा समाज
रितिका की सफलता यह संदेश देती है कि शिक्षा और संकल्प के बल पर ग्रामीण अंचल की बच्चियाँ भी बड़े-बड़े मुकाम हासिल कर सकती हैं। यह केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर एक कदम है।
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बेटियों की सफलता समाज का गौरव
आज जब बेटियाँ हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं, तब रितिका जैसी कहानियाँ प्रेरणा का स्रोत बनती हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर अपनी बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस प्रेरक खबर को अधिक से अधिक साझा करें ताकि जागरूकता फैले।