
#देवघर #सेपकटकरा : देवघर की बालिकाओं ने राज्य स्तर पर किया शानदार प्रदर्शन – फाइनल में रांची को हराकर जीता स्वर्ण पदक
- देवघर की बालिकाओं ने 8वीं झारखंड राज्यस्तरीय सेपकटकरा सब जूनियर चैंपियनशिप में दिखाया दमखम।
- फाइनल मुकाबले में रांची को हराकर देवघर टीम ने स्वर्ण पदक जीता।
- चार खिलाड़ी – निकिता सोरेन, ललिता हांसदा, देप्रिया और निशा का चयन राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए हुआ।
- रक्षा और रति को रिजर्व खिलाड़ियों के रूप में चुना गया।
- देवघर जिला सेपकटकरा संघ के अध्यक्ष आशीष झा ने खिलाड़ियों की मेहनत की सराहना की।
देवघर की बालिकाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर लगन और मेहनत हो, तो किसी भी स्तर पर सफलता पाई जा सकती है। रांची में आयोजित 8वीं झारखंड राज्यस्तरीय सेपकटकरा सब जूनियर चैंपियनशिप में देवघर की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। इस प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में देवघर ने मजबूत मानी जाने वाली रांची टीम को पराजित कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
देवघर की बालिकाओं का शानदार प्रदर्शन
देवघर से कुल सात बालिकाओं ने इस राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया था। इनमें से चार खिलाड़ी – निकिता सोरेन, ललिता हांसदा, देप्रिया और निशा ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया और अब वे सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में झारखंड का प्रतिनिधित्व करेंगी। वहीं रक्षा और रति को रिजर्व खिलाड़ी के रूप में शामिल किया गया है, जो टीम के साथ रहकर अभ्यास और अनुभव प्राप्त करेंगी।
देवघर जिला सेपकटकरा संघ के अध्यक्ष आशीष झा ने कहा: “हमारी बालिकाओं ने देवघर का नाम रोशन किया है। उनकी मेहनत, अनुशासन और खेल के प्रति समर्पण ने यह सफलता दिलाई है। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी वे झारखंड को गौरवान्वित करेंगी।”
देवघर में खेल का माहौल उत्साहपूर्ण
देवघर में इन दिनों खेल को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। हाल के वर्षों में यहां कई खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं, जिससे खिलाड़ियों को मंच और प्रोत्साहन मिला है। आशीष झा ने बताया कि जिला संघ की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं कि ग्रामीण इलाकों से भी अधिक से अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ी सामने आएं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की फिटनेस, तकनीक और टीमवर्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुनील खवाड़े ने कहा: “ऐसे आयोजन बच्चों को आत्मविश्वास देते हैं और उन्हें बड़ा मंच मिलता है। देवघर की टीम का प्रदर्शन यह दिखाता है कि यहां की प्रतिभा अब राष्ट्रीय स्तर पर चमकने को तैयार है।”
बालिकाओं की मेहनत और समर्पण का परिणाम
इस प्रतियोगिता के दौरान देवघर की टीम ने शुरुआत से ही शानदार खेल दिखाया। सेमीफाइनल में उन्होंने बोकारो को मात दी, जबकि फाइनल में रांची जैसी मजबूत टीम को पराजित किया। खिलाड़ियों का कहना था कि वे इस जीत को अपने प्रशिक्षकों और माता-पिता को समर्पित करती हैं, जिन्होंने उन्हें हर परिस्थिति में प्रोत्साहित किया।
टीम की कप्तान निकिता सोरेन ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर वे झारखंड को स्वर्ण दिलाने के लिए पूरी मेहनत करेंगी।
राष्ट्रीय स्तर पर देवघर की उम्मीदें
अब सभी की नजरें सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप पर टिकी हैं, जहां देवघर की ये बालिकाएं झारखंड का प्रतिनिधित्व करेंगी। खेल प्रेमियों का मानना है कि अगर इन खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण और संसाधन मिले, तो वे राष्ट्रीय स्तर पर भी स्वर्ण जीतने में सफल हो सकती हैं।
देवघर जिला प्रशासन और खेल विभाग ने भी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य सरकार इनके प्रशिक्षण और सुविधाओं पर विशेष ध्यान देगी ताकि झारखंड खेल के क्षेत्र में और आगे बढ़े।

न्यूज़ देखो: देवघर की बेटियों ने बढ़ाया झारखंड का मान
देवघर की बालिकाओं की यह उपलब्धि बताती है कि छोटे शहरों की प्रतिभा अब बड़े मंचों पर चमक रही है। सीमित संसाधनों के बावजूद इन खिलाड़ियों ने मेहनत और हौसले से इतिहास रच दिया। यह खबर झारखंड के खेल तंत्र के लिए प्रेरणा का संदेश है कि अवसर और मार्गदर्शन मिलने पर कोई भी खिलाड़ी राष्ट्रीय पहचान बना सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बेटियों की जीत – देवघर की पहचान
देवघर की इन बालिकाओं ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा कभी सीमाओं में नहीं बंधती। खेल के प्रति उनका समर्पण आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। अब समय है कि समाज और प्रशासन दोनों ऐसे खिलाड़ियों के हौसले को और मजबूत करें।
देवघर की इस जीत पर गर्व करें, अपनी राय कमेंट में साझा करें और खबर को आगे बढ़ाएं ताकि हर बेटी को मिले खेलने का समान अवसर।




