#हुसैनाबाद #नवरात्रि : बेलवरण पूजा की परंपरा निभाते हुए किया गया माँ दुर्गा का आह्वान, महासप्तमी से भक्तों के लिए खुलेंगे पट
- शारदीय नवरात्र के छठे दिन हुसैनाबाद में बेलवरण पूजा के साथ किया गया माँ दुर्गा का आह्वान।
- सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति महावीर जी भवन में पुरोहित और यजमानों ने पूरे विधि-विधान से किया पूजन।
- 29 सितंबर को महासप्तमी पर सुबह 9 बजे पूजा पंडाल के पट भक्तों के दर्शन के लिए होंगे खुले।
- समिति अध्यक्ष मिंटू अग्रवाल ने बताया श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु की गई विशेष व्यवस्थाएँ।
- आयोजन में समिति के अनेक सदस्य और स्थानीय लोग सक्रिय रूप से मौजूद रहे।
हुसैनाबाद (पलामू) में शारदीय नवरात्र के छठे दिन रविवार को माँ दुर्गा का आह्वान परंपरागत बेलवरण पूजा के साथ किया गया। सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति महावीर जी भवन के पुरोहितों और यजमानों ने बेल वृक्ष की पूजा कर देवी का आह्वान किया। इस अवसर पर पूजा पंडाल में धार्मिक वातावरण बना रहा और श्रद्धालु आयोजन का हिस्सा बने।
महासप्तमी पर खुलेंगे पट
परंपरा के अनुसार 29 सितंबर (महासप्तमी) को सुबह 9 बजे पूजा पंडाल के पट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। पुरोहित गोपाल पाठक ने जानकारी दी कि सप्तमी के दिन देवी के स्वरूप को बाजे-गाजे के साथ महावीर जी भवन स्थित पूजा पंडाल में लाया जाएगा।
समिति की तैयारियाँ
दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष मिंटू अग्रवाल ने बताया कि सप्तमी से नवमी तक भारी संख्या में श्रद्धालु महावीर जी भवन पहुँचते हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए समिति और श्री रामचरित मानस नवाह यज्ञ समिति के सदस्य पूरी तत्परता से कार्यरत रहेंगे।
कलाकारों की भूमिका
पूजा पंडाल को सजाने और अंतिम रूप देने में कलाकार तथा समिति के सदस्य देर रात तक जुटे रहे। पूरा वातावरण भक्ति और उत्साह से भरा रहा।
उपस्थित सदस्य
इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी और सदस्य जैसे दीनानाथ सोनी, संदीप सोनी, संतोष गुप्ता, मोहन सोनी, हर्ष गुप्ता, शंकर कांस्यकार, अमृत कांस्यकर, आकाश सोनी, पंकज सोनी, राजू सोनी सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे और आयोजन को सफल बनाया।
न्यूज़ देखो: परंपरा और आस्था का संगम बना हुसैनाबाद का बेलवरण पूजन
बेलवरण पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा का प्रतीक है। इससे न केवल श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ती है बल्कि सामूहिकता और सामाजिक एकजुटता का संदेश भी मिलता है।
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