
#खूंटी #सुशासन_दिवस : ममरला गांव में अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण कर सुशासन दिवस मनाया गया।
खूंटी जिले के तोरपा विधानसभा अंतर्गत ममरला गांव में रविवार को सुशासन दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा उपस्थित रहे। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान, झारखंड राज्य गठन और सुशासन की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए।
- ममरला गांव में जिला स्तरीय सुशासन दिवस कार्यक्रम आयोजित।
- प्रदेश उपाध्यक्ष नीलकंठ सिंह मुंडा रहे मुख्य अतिथि।
- अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान और झारखंड निर्माण को किया गया याद।
- पूर्व विधायक कोचे मुंडा और जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता ने रखे विचार।
- कार्यक्रम में सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारी रहे मौजूद।
खूंटी जिले के तोरपा विधानसभा क्षेत्र स्थित ममरला गांव में सुशासन दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड के निर्माता श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करने के साथ हुई। इसके बाद सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का गायन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन, राष्ट्रनिर्माण और झारखंड राज्य गठन में उनके ऐतिहासिक योगदान को जन-जन तक पहुंचाना रहा।
अटल जी के वादे और झारखंड राज्य का निर्माण
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1999 में दुमका की एक ऐतिहासिक रैली में अटल बिहारी वाजपेयी ने जनता से वादा किया था कि यदि एनडीए की सरकार बनती है, तो झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिया जाएगा। झारखंड की जनता ने उनके वादे पर भरोसा किया और अटल जी ने उस भरोसे को निभाते हुए अलग राज्य का गठन किया।
नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा: “चुनाव के समय कई दल अलग राज्य की बात करते थे, लेकिन चुनाव खत्म होते ही वादे भूल जाते थे। अटल जी ऐसे नेता नहीं थे। अगर अटल बिहारी वाजपेयी नहीं होते, तो आज झारखंड अलग राज्य नहीं होता।”
उन्होंने कहा कि अटल जी ने 24 अलग-अलग राजनीतिक दलों को एकजुट कर सरकार चलाई और पूरे पांच साल स्थिर एवं सफल शासन दिया। उनकी सर्वदलीय सोच और सबको साथ लेकर चलने की क्षमता के कारण ही उन्हें अजातशत्रु कहा गया।
पूर्व विधायक कोचे मुंडा ने गिनाईं उपलब्धियां
पूर्व तोरपा विधायक कोचे मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे पत्रकार, राजनेता, प्रवक्ता, संपादक और कवि होने के साथ-साथ दूरदर्शी नेता भी थे।
उन्होंने कहा कि अटल जी ने देश के गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, बड़े शहरों को जोड़ने के लिए फोर लेन सड़कों का निर्माण, किसानों को बाढ़ और सूखे से बचाने के लिए नदी जोड़ो परियोजना जैसी योजनाओं की नींव रखी।
जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता का संबोधन
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा कि सुशासन दिवस अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को जीवंत रखने का अवसर है। उन्होंने कहा कि अटल जी संसद में जब बोलते थे तो वहां सन्नाटा छा जाता था और सभी उन्हें ध्यान से सुनते थे।
चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा: “अटल जी ने देश को परमाणु शक्ति संपन्न बनाया, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना शुरू की, प्रधानमंत्री सड़क योजना और सर्व शिक्षा अभियान जैसे कार्यक्रम लागू किए।”
उन्होंने यह भी बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी का एक कार्यक्रम के दौरान तोरपा में रात्रि विश्राम भी हुआ था, जिसे क्षेत्र के लोग आज भी गौरव के रूप में याद करते हैं।
स्वागत, संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का स्वागत भाषण जिला महामंत्री संजय साहू ने दिया। उन्होंने कारगिल युद्ध के समय अटल जी के साहसिक नेतृत्व को याद करते हुए कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के मुद्दे पर अटल जी कभी समझौता नहीं करते थे।
कार्यक्रम का मंच संचालन पूर्व मंडल अध्यक्ष पुरेन्द्र मांझी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बिरदा मंडल अध्यक्ष ओमिन सिंह ने प्रस्तुत किया।
बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में प्रदेश कार्य समिति सदस्य संतोष जायसवाल, जिला महामंत्री संजय साहू, निखिल कन्डुलना, जिला उपाध्यक्ष भागीरथ राम, जिला मंत्री संजय नाग, मीडिया सह प्रभारी महावीर राम, जिला मोर्चा अध्यक्ष श्याम सोनी, संतोष त्रिपाठी, तोरपा विधानसभा के मंडल अध्यक्ष सुबोध गुप्ता, बालमुकुंद सिंह, ओमिन सिंह, सुशीला देवी, मुशकु स्वांसी, सुधिर सिंह सहित राम लखन सिंह, नारायण साहू, विनय गुप्ता, प्रीति सिंह, नीरज पाढ़ी, दीपक तिग्गा, नंदलाल साहू, शंकर सिंह, सीताराम नाग, नीरज जायसवाल, भोला साहू, बिनोद धान, रेड़ा मुंडा, दुलार मुंडा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

न्यूज़ देखो: सुशासन और स्मरण का संदेश
ममरला गांव में आयोजित सुशासन दिवस कार्यक्रम यह दर्शाता है कि अटल बिहारी वाजपेयी का विचार और योगदान आज भी राजनीति और समाज में प्रासंगिक है। झारखंड राज्य गठन से लेकर विकास योजनाओं तक अटल जी की दूरदर्शिता साफ नजर आती है। ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को भी उनके विचारों से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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सुशासन केवल एक दिवस नहीं, बल्कि निरंतर अपनाई जाने वाली सोच है। अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों को आत्मसात कर लोकतंत्र, विकास और समरसता को मजबूत करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
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