#पांडू #शिक्षा : राज्य स्तरीय मूल्यांकन में पांडू विद्यालय ने दिखाया उत्कृष्ट प्रदर्शन, रजत श्रेणी में हुआ चयन
- झारखंड सरकार के विद्यालय प्रमाणीकरण कार्यक्रम का परिणाम घोषित।
- पांडू के राजकीय कृत कल्याण +2 उच्च विद्यालय को मिला रजत पदक।
- राज्यभर के 741 विद्यालयों में से 543 सफल हुए मूल्यांकन में।
- 49 विद्यालय स्वर्ण, 467 रजत और 27 कांस्य श्रेणी में शामिल।
- सम्मान समारोह 2 सितंबर को राज्य स्तर पर, जिलास्तर पर 15 दिन में।
झारखंड सरकार द्वारा संचालित विद्यालय प्रमाणीकरण कार्यक्रम के प्रथम चरण का परिणाम घोषित कर दिया गया है। इसमें पांडू का राजकीय कृत कल्याण +2 उच्च विद्यालय उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए रजत श्रेणी में चयनित हुआ है। यह उपलब्धि विद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों के संयुक्त प्रयास तथा शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार सुधार का प्रमाण मानी जा रही है।
राज्यस्तरीय मूल्यांकन और परिणाम
मई एवं जुलाई 2025 में हुए मूल्यांकन में पूरे राज्य से कुल 741 विद्यालय शामिल हुए थे। इनमें से 543 विद्यालय सफल घोषित किए गए। चयनित विद्यालयों में 49 स्वर्ण, 467 रजत और 27 कांस्य श्रेणी में शामिल किए गए। वहीं 198 विद्यालय असफल घोषित हुए, जिन्हें अगले चरण में फिर से प्रयास का अवसर मिलेगा।
इस प्रक्रिया में CM SoP के 77 विद्यालय, प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों के 220 विद्यालय तथा PM SHRI योजना के 246 विद्यालय भी सफल घोषित किए गए। यह परिणाम शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और विद्यालयों की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सम्मान समारोह और सरकारी घोषणा
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि स्वर्ण श्रेणी में चयनित 3 विद्यालयों को मुख्यमंत्री द्वारा आगामी 2 सितंबर 2025 को राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा। वहीं रजत और कांस्य श्रेणी में आने वाले विद्यालयों को अगले 15 दिनों के भीतर जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि इस प्रमाणीकरण प्रक्रिया से विद्यालयों की ताकत और कमजोरियों की पहचान होगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा।
विद्यालय परिवार की खुशी और संकल्प
विद्यालय के प्रधानाचार्य देवेश कुमार पाल ने इस उपलब्धि पर कहा—
देवेश कुमार पाल (प्रधानाचार्य):
“पिछले एक वर्ष से विद्यालय का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है। सरकार के सभी नियमों का पालन करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास किया गया है। आगे भी विद्यालय को और बेहतर बनाने की हमारी कोशिश जारी रहेगी।”
प्रधानाचार्य के इस वक्तव्य से स्पष्ट है कि पांडू विद्यालय आने वाले समय में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
न्यूज़ देखो: शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की नई दिशा
विद्यालय प्रमाणीकरण कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया है कि अनुशासन, मेहनत और योजनाओं का सही क्रियान्वयन विद्यालयों की छवि और परिणाम दोनों को बदल सकता है। पांडू का यह सम्मान न केवल स्थानीय विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है, बल्कि पूरे राज्य में शिक्षा सुधार की उम्मीदों को नई उड़ान देता है।
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शिक्षा से बदलती तस्वीर
पांडू विद्यालय की यह उपलब्धि दिखाती है कि संसाधनों और अवसरों के सही उपयोग से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय भी उत्कृष्ट पहचान बना सकते हैं। अब समय है कि हम सब शिक्षा की इस रोशनी को और फैलाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि शिक्षा के इस बदलाव से और लोग प्रेरित हो सकें।