Site icon News देखो

महागठबंधन में आज हो सकता है सीटों का एलान, राजद-कांग्रेस के बीच समझौते के संकेत

#पटना #बिहार_राजनीति : बिहार में महागठबंधन के सीट बंटवारे पर बनी सहमति, आज देर शाम तक राजद और कांग्रेस के बीच फार्मूला तय होने की संभावना।

बिहार की राजनीति में लंबे समय से जारी महागठबंधन के सीट बंटवारे का गतिरोध आखिरकार समाप्त होने की ओर है। राजद और कांग्रेस के बीच अब लगभग सहमति बन चुकी है और सूत्रों के मुताबिक, आज देर शाम तक सीटों का औपचारिक एलान किया जा सकता है। दिल्ली में हुई अहम बैठक में तेजस्वी यादव और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सीट बंटवारे पर विस्तृत चर्चा की, जिसके बाद दोनों दलों ने समझौते के संकेत दिए हैं।

दिल्ली में चली लंबी बैठक

सोमवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के बाद तेजस्वी यादव कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के लिए पहुंचे। शाम करीब चार बजे उनकी पहली बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से हुई, जो करीब 35 मिनट तक चली। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के अनुपात पर गहन चर्चा हुई।

सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव ने बैठक में कांग्रेस के लिए 55 सीटों का प्रस्ताव रखा था, जिसे कांग्रेस ने स्वीकार नहीं किया।
कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने कहा कि “हाल के वर्षों में बिहार में कांग्रेस का जनाधार बढ़ा है, इसलिए उसे कम से कम 65 सीटें मिलनी चाहिए।”

तेजस्वी यादव ने हालांकि कांग्रेस की इस मांग को पूरी तरह नहीं माना, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस को अधिकतम 60 सीटें देने पर विचार हो सकता है।

खरगे-तेजस्वी की मुलाकात से बनी सहमति

बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की। इस मुलाकात को निर्णायक माना जा रहा है, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। सूत्रों का कहना है कि अब सिर्फ अंतिम घोषणा बाकी है, जो मंगलवार की देर शाम तक होने की संभावना है।

ऐसे होगा सीट बंटवारे का फॉर्मूला

महागठबंधन के सूत्रों के मुताबिक राजद को सबसे अधिक 135 सीटें मिलेंगी। कांग्रेस को 60 सीटें, जबकि भाकपा माले को 19, वीआईपी को 15, सीपीआईएम को 6, और सीपीआई को 4 सीटें दी जाएंगी।
शेष कुछ सीटों पर राजद अपने कोटे से राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और आईपी गुप्ता की पार्टी को समायोजित कर सकता है।

गठबंधन सूत्रों के मुताबिक: “सभी घटक दलों की सहमति से फार्मूला तय कर लिया गया है, अब बस औपचारिक एलान होना बाकी है।”

राजद और कांग्रेस दोनों समझौते के मूड में

पिछले कुछ दिनों से सीटों की संख्या को लेकर दोनों दलों के बीच तनातनी थी। कांग्रेस लगातार अधिक सीटों की मांग पर अड़ी थी, जबकि राजद अपने कोटे में कमी के पक्ष में नहीं था। लेकिन तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेतृत्व के बीच लचीले रुख के चलते अब टकराव की स्थिति समाप्त होती दिख रही है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महागठबंधन का यह समझौता विधानसभा चुनाव 2025 में एकजुटता का संदेश देने वाला कदम है। इससे पक्षीय एकता को भी मजबूती मिलेगी और कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह का माहौल बनेगा।

न्यूज़ देखो: बिहार की राजनीति में समझदारी का संकेत

महागठबंधन में सीटों को लेकर जिस तरह का गतिरोध चला था, उसका खत्म होना बिहार की राजनीति के लिए बड़ा संकेत है। यह दिखाता है कि राजद और कांग्रेस अब मतभेदों से ऊपर उठकर सत्ता परिवर्तन की तैयारी में हैं। विपक्षी एकता के इस समन्वय से आगामी चुनावी समीकरणों पर गहरा असर पड़ सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

एकता की राह पर बिहार का महागठबंधन

राजनीति में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन जब लक्ष्य साझा हो तो समझौता ही सबसे बड़ा समाधान बनता है। राजद और कांग्रेस ने यह दिखाया है कि सहयोग और संयम से भी राजनीति की दिशा बदली जा सकती है।
अब समय है कि हम सब बिहार की लोकतांत्रिक एकता को सशक्त करने की दिशा में योगदान दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और जागरूकता फैलाएं ताकि जनता की आवाज और मजबूत हो सके।

📥 Download E-Paper

Exit mobile version