
#गारु #गुरुपूर्णिमामहोत्सव : सरनाधाम स्थित मानस मणि दीप सेवा संस्थान में गुरु पूर्णिमा उत्सव श्रद्धा और भक्ति से मनाया गया — 24 जुलाई को होने वाली सावन अमावस्या कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर विशेष बैठक भी हुई
- गुरु पूर्णिमा पर सरनाधाम में हुआ वैदिक रीति से भव्य आयोजन
- परम पूज्य माता जी एवं अध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह के सान्निध्य में हुआ कार्यक्रम
- भक्तों ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया
- सैकड़ों श्रद्धालु महिलाओं और पुरुषों ने लिया हिस्सा
- 24 जुलाई को प्रस्तावित कांवड़ यात्रा और जलाभिषेक को सफल बनाने की रणनीति तय
श्रद्धा और भक्ति से सराबोर रहा गुरु पूर्णिमा उत्सव
लातेहार जिले के गारु प्रखंड स्थित सरनाधाम के मानस मणि दीप सेवा संस्थान में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक पूजा विधियों के साथ हुई। परम पूज्य माता जी और संस्थान अध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह जी महाराज की गरिमामयी उपस्थिति ने पूरे आयोजन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
गुरु की महत्ता को किया गया नमन
सैकड़ों श्रद्धालु गुरु पूजन में शामिल हुए और अपने जीवन में गुरु की भूमिका को नमन करते हुए विधिपूर्वक पूजन अर्पित किया। श्रद्धालुओं ने जीवन में नैतिकता, सेवा और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा ली।
पर्यावरण रक्षा का संदेश देते हुए वृक्षारोपण
इस अवसर पर संस्थान परिसर में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया। श्रद्धालुओं ने पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली का संदेश दिया।
संस्थान अध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह जी महाराज ने कहा: “गुरु के सान्निध्य में भक्ति ही नहीं, कर्तव्यबोध और समाज सेवा की भावना भी जागती है। पर्यावरण रक्षा और जलाभिषेक जैसे आयोजनों में जनसहभागिता आवश्यक है।”
अमावस्या कांवड़ यात्रा को लेकर विशेष बैठक
आगामी 24 जुलाई 2025 को होने वाली सावन अमावस्या कांवड़ यात्रा एवं जलाभिषेक कार्यक्रम की तैयारी को लेकर एक विशेष बैठक भी आयोजित की गई। इस बैठक में यात्रा मार्ग की सुरक्षा, जलापूर्ति, यातायात प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं पर गंभीर चर्चा हुई। बैठक का उद्देश्य कार्यक्रम को सुरक्षित, व्यवस्थित और भव्य बनाना है।
एक समिति सदस्य ने बताया: “इस वर्ष कांवड़ यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी संभावित है। इसको देखते हुए सभी इंतजामों को पहले से सुदृढ़ किया जा रहा है।”
भक्ति और सेवा की मिसाल बने श्रद्धालु
पूरे आयोजन में क्षेत्र के सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की भागीदारी रही, जिन्होंने गुरु भक्ति और सेवा भावना का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। लोगों ने सामूहिक रूप से पूजा, सेवा, पौधरोपण और अगामी कार्यक्रम की रूपरेखा में सहयोग देकर आयोजन को सफल बनाया।

न्यूज़ देखो: भक्ति, पर्यावरण और व्यवस्था का संगम
न्यूज़ देखो मानता है कि सरनाधाम में गुरु पूर्णिमा जैसे आयोजनों के माध्यम से सामाजिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय मूल्यों का सशक्त समावेश हो रहा है। 24 जुलाई को होने वाली कांवड़ यात्रा की तैयारी में क्षेत्रवासियों की भागीदारी लोक-संस्कृति और श्रद्धा का अनुपम उदाहरण है।
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सजग श्रद्धा से सजेगा संस्कार
गुरु पूर्णिमा केवल पर्व नहीं, जीवन के मार्गदर्शन का अवसर है। इस आयोजन ने दिखाया कि श्रद्धा और सेवा के साथ जब समाज एकजुट होता है, तो हर कार्य सफल बनता है।
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