#गुमला #विद्यालयदिवस : छात्रों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और सम्मान समारोह से गूंजा परिसर
- संत पियुस जनता उच्च विद्यालय भीखमपुर में विद्यालय दिवस मनाया गया।
- कार्यक्रम में सैकड़ों छात्र-छात्राएँ, शिक्षक और ग्रामीणजन शामिल हुए।
- विद्यार्थियों ने गीत, नृत्य, नाटक और वाद्य संगीत की प्रस्तुतियाँ दीं।
- प्रधानाध्यापक ग्रेगोरी कुल्लू ने शिक्षा और संस्कारों का महत्व बताया।
- उत्कृष्ट विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
भीखमपुर (जारी, गुमला)। संत पियुस जनता उच्च विद्यालय भीखमपुर में आज विद्यालय दिवस का भव्य आयोजन हुआ। विद्यालय परिसर के हाल में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएँ, शिक्षकगण, अभिभावक और ग्रामीणजन मौजूद रहे।
प्रार्थना गीत से शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना गीत और स्वागत नृत्य से हुई। इसके बाद बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। गीत, नृत्य, नाटक और वाद्य संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियों ने वहां मौजूद सभी लोगों का मन मोह लिया। बच्चों की प्रतिभा देखकर उपस्थित जनसमूह तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
संत पियुस के योगदान को किया याद
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ग्रेगोरी कुल्लू ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को अनुशासन, शिक्षा और संस्कार का महत्व समझाया। उन्होंने संत पियुस के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे गरीबों के मसीहा थे। उन्होंने शिक्षा और संस्कार पर विशेष बल दिया। छोटे बच्चों को पवित्र भोज ग्रहण करने की अनुमति दी। पूजा-पद्धति और धार्मिक गीतों में सुधार किया। साथ ही समाज सेवा को सच्चा धर्म माना।
उत्कृष्ट विद्यार्थियों को मिला सम्मान
प्रधानाध्यापक ने विद्यार्थियों को मेहनत, लगन और ईमानदारी से पढ़ाई करने की सलाह दी। इसी क्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
ग्रामीणों और अभिभावकों की रही बड़ी भागीदारी
मौके पर फादर प्रेम इन्दवार, फादर प्रदीप एक्का, फादर संदीप उरांव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और अभिभावक उपस्थित रहे। विद्यालय दिवस का यह आयोजन शिक्षा, संस्कार और सांस्कृतिक चेतना का अनूठा संगम साबित हुआ।

न्यूज़ देखो: शिक्षा और संस्कार से ही बनेगा मजबूत समाज
भीखमपुर में हुआ यह विद्यालय दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि शिक्षा और संस्कार के महत्व का संदेश देने वाला अवसर रहा। ग्रामीण समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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शिक्षा से ही बदलेगा भविष्य
आज जरूरत है कि हर बच्चा अनुशासन, मेहनत और ईमानदारी से पढ़ाई करे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाए। अब समय है कि हम सब इस बदलाव में योगदान दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि शिक्षा का महत्व हर घर तक पहुंचे।