#सिमडेगा #फुटबॉल_टूर्नामेंट : चिरूबेडा मैदान में आदिवासी खिलाड़ियों के लिए आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट का शानदार समापन, विजेता और उपविजेता टीमों का सम्मान
- प्रथम फादर मेरी मरमियर मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन चिरूबेडा मैदान, बानो में हुआ।
- फाइनल मैच में बांकी सेवा मंडल ने फुटबॉल क्लब पोग्लोया को 1-0 से हराकर जीत दर्ज की।
- विजेता और उपविजेता टीमों को खस्सी और सांत्वना राशि प्रदान की गई।
- रेफरी के रूप में रिचर्ड तोपनो और जवाकिम कंडुलना ने मैच का संचालन किया।
बानो प्रखंड के चिरूबेडा मैदान में रविवार को प्रथम फादर मेरी मरमियर मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। फाइनल मुकाबले में सेवा मंडल बांकी और फुटबॉल क्लब पोग्लोया की टीमों ने भाग लिया, जिसमें बांकी सेवा मंडल की टीम ने 1-0 से जीत हासिल की। विजेता और उपविजेता टीमों को खस्सी और सांत्वना राशि देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथियों और स्वागत समारोह
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला परिषद सह झामुमो केंद्रीय सदस्य बीरजो कंडुलना, फादर विजय केरकेटा, फादर रोशन मिंज, उकौली मुखिया कृपा हेमरोम, संरक्षक प्रेमानंद शील तोपनो ने किया। अतिथियों ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और उन्हें खेल में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। सभी अतिथियों का माला पहनाकर और अंगवस्त्र देकर स्वागत किया गया। मौके पर स्थानीय मंडली द्वारा स्वागत गीत भी प्रस्तुत किया गया।

बीरजो कंडुलना ने कहा: “आज अत्यंत खुशी की बात है कि कलीसिया की ओर से फुटबॉल मैच का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे आयोजन आदिवासी युवाओं को खेल के माध्यम से आगे बढ़ने का अवसर देते हैं। खेल को खेल की भावना से खेलें।”
मुखिया कृपा हेमरोम ने कहा कि खेल से शरीर और मन स्वस्थ रहते हैं। वहीं पल्लि पुरोहित विजय केरकेटा ने कहा कि ईश्वर का धन्यवाद कि उन्होंने हम सबको खेल में भाग लेने का अवसर दिया। उन्होंने आयोजन में सहयोग देने वाले प्रेमानंद शील तोपनो और संरक्षक हर्षन तोपनो का विशेष धन्यवाद किया।
खेल प्रतियोगिता और सहभागिता
फाइनल मैच के अलावा टूर्नामेंट में स्थानीय युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आयोजन में अध्यक्ष समीर तोपनो, सचिव जोहन मुंडू, कोषाध्यक्ष जॉनसन केरकेटा, और अन्य समिति सदस्य उपस्थित थे। रेफरी रिचर्ड तोपनो और जवाकिम कंडुलना ने मैच का निष्पक्ष संचालन किया। आयोजन में खेल प्रेमियों और ग्रामीणों की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने कार्यक्रम को उत्साहपूर्ण बनाया।
फादर विजय केरकेटा ने कहा: “खेल से शारीरिक और मानसिक विकास होता है और यह समाज में एकता और अनुशासन की भावना भी पैदा करता है।”

न्यूज़ देखो: आदिवासी युवाओं को खेल के माध्यम से अवसर
यह टूर्नामेंट दिखाता है कि सही मंच और समर्थन मिलने पर आदिवासी युवा खेल में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं। आयोजन समिति, स्थानीय समुदाय और प्रशासन की सक्रिय भागीदारी ने इसे सफल और प्रेरणादायक बनाया। ऐसे कार्यक्रम युवाओं को खेल और सकारात्मक गतिविधियों की ओर आकर्षित करते हैं।
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खेल से बनाएं जीवन को स्वस्थ और सकारात्मक
खेल केवल मनोरंजन नहीं बल्कि जीवन में अनुशासन, एकता और मानसिक स्वास्थ्य का माध्यम है। युवाओं को चाहिए कि वे ऐसे आयोजनों में सक्रिय भाग लें और अपनी प्रतिभा को निखारें। अपनी राय कमेंट में साझा करें, खबर को अपने दोस्तों और समुदाय के साथ शेयर करें और खेल एवं सकारात्मक गतिविधियों के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाएं।