Simdega

बानो में सोनमेर मेला का भव्य उद्घाटन, पारंपरिक संस्कृति की झलक से हुआ श्रोताओं का मनमोहन

Join News देखो WhatsApp Channel
#सिमडेगा #सोनमेर_मेला : बानो में दो दिवसीय सोनमेर मेला का फीता काटकर शुभारंभ, स्थानीय नेताओं ने परंपरा और संस्कृति का महत्व बताया
  • बानो, सिमडेगा में सोनमेर मेला का उद्घाटन दो दिवसीय आयोजन के रूप में हुआ।
  • मेले के उद्घाटन में अतिथि सुदीप गुड़िया और खूंटी विधायक रामसुर्या मुंडा ने हिस्सा लिया।
  • उद्घाटन के दौरान उन्होंने फीता काटकर मेला शुरू किया और माँ सोनमेर के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
  • तोरपा विधायक रामसुर्या मुंडा ने कहा कि मेला हमारी परंपराओं, विश्वासों और समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है।
  • मेले में अन्य जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और मंदिर मेला समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
  • आयोजकों ने यह संदेश दिया कि मेला झारखंड की लोक संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है।

बानो, सिमडेगा में आयोजित सोनमेर मेला की शुरुआत अतिथियों ने फीता काटकर की और माँ सोनमेर के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उद्घाटन कार्यक्रम में स्थानीय लोगों और कई जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया।

समारोह और भाषण

उद्घाटन के दौरान खूंटी विधायक रामसुर्या मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि यह मेला केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि हमारी परंपराओं, विश्वासों और सांस्कृतिक चेतना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने बताया कि यह मेला विविधता में एकता का संदेश देता है और हमारे क्षेत्र की लोक परंपराओं और सामाजिक सौहार्द को उजागर करता है।

रामसुर्या मुंडा ने कहा: “यह ऐतिहासिक मेला हमारे क्षेत्र खूँटी सहित संपूर्ण झारखंड की समृद्ध लोक परंपराओं, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। माँ सोनमेर की कृपा हम सभी पर सदा बनी रहे।”

मेला का महत्व

सोनमेर मेला केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह झारखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने का माध्यम भी है। मेला में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, स्थानीय हस्तशिल्प और परंपरागत व्यंजन भी प्रदर्शित किए गए, जिससे श्रोताओं को क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत का अनुभव हुआ।

मेला आयोजन समिति और स्थानीय नेताओं ने यह सुनिश्चित किया कि दो दिवसीय कार्यक्रम सुरक्षा और सुव्यवस्था के साथ संपन्न हो। आयोजकों ने सभी आगंतुकों से अपील की कि वे इस सांस्कृतिक उत्सव का आनंद लें और झारखंड की समृद्ध संस्कृति को बनाए रखने में योगदान दें।

न्यूज़ देखो: बानो में सोनमेर मेला स्थानीय संस्कृति का जीवंत उदाहरण

सोनमेर मेला यह दर्शाता है कि झारखंड की लोक संस्कृति आज भी लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा है। प्रशासन और स्थानीय नेताओं के सहयोग से आयोजित यह मेला लोगों को अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ता है। आयोजकों द्वारा संरक्षित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को आकर्षित किया।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

परंपरा और संस्कृति का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी

इस मेला ने यह स्पष्ट किया कि हमारी संस्कृति और परंपराएं हमें एकजुट करती हैं। आइए हम सब मिलकर इन सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी करें, अपने बच्चों और युवाओं को लोक परंपराओं से परिचित कराएँ और इस समाचार को साझा करके जागरूकता फैलाएँ।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 3 / 5. कुल वोट: 1

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

Radhika Netralay Garhwa
1000264265
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250610-WA0011
20250923_002035
IMG-20250604-WA0023 (1)
Engineer & Doctor Academy
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: