
#केरसई #खेल_महोत्सव : गोंडवाना आदिवासी कल्याण एवं विकास मंच के तत्वावधान में आयोजित खेल महोत्सव में झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की टीमें ले रहीं हिस्सा—खेल को करियर और सामाजिक एकता का माध्यम बनाने का संदेश
- रेंगारटोली बासेन में 17वें गोंडवाना शेर शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक खेल महोत्सव का शुभारंभ।
- उद्घाटन मैच फरसापानी बनाम चापाबारी—फरसापानी ने 1–0 से दर्ज की जीत।
- मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर बालसिंह प्रधान ने खिलाड़ियों को किया संबोधित।
- गोंडवाना मंच अध्यक्ष रामचंद्र मांझी ने युवाओं को संगठित व जागरूक रहने की अपील की।
- अंडर-15 जूनियर वर्ग के लिए अलग प्रतियोगिता, 30 टीमें लेंगी भाग।
- महोत्सव का समापन 19 दिसंबर 2024 को वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर होगा।
केरसई प्रखंड अंतर्गत रेंगारटोली बासेन में गोंडवाना आदिवासी कल्याण एवं विकास मंच, सिमडेगा के तत्वावधान में आयोजित 17वें गोंडवाना शेर शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक बालक/बालिका खेल महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। उद्घाटन अवसर पर खिलाड़ियों, अतिथियों और दर्शकों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। उद्घाटन मैच फरसापानी और चापाबारी के बीच खेला गया, जिसमें फरसापानी की टीम ने 1–0 से जीत दर्ज कर अगले दौर में प्रवेश किया। खेल शुरू होने से पहले अतिथियों और आयोजन समिति ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें अनुशासन और खेल भावना के साथ खेलने के लिए प्रेरित किया।
उद्घाटन समारोह में खेल को करियर का माध्यम बनाने पर जोर
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि, चापाबारी निवासी सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर बालसिंह प्रधान ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा:
बालसिंह प्रधान ने कहा: “आज खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से एक सफल और सम्मानजनक करियर भी बनाया जा सकता है। खेल से शरीर स्वस्थ रहता है और समाज में अनुशासन व टीम भावना विकसित होती है।”
उन्होंने युवाओं से खेल को गंभीरता से लेने और निरंतर अभ्यास के माध्यम से आगे बढ़ने का आह्वान किया।
सामाजिक जागरूकता और एकजुटता का संदेश
गोंडवाना आदिवासी कल्याण एवं विकास मंच के अध्यक्ष रामचंद्र मांझी ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा:
रामचंद्र मांझी ने कहा: “इस तरह के खेल महोत्सव से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मंच मिलता है। युवा खेल को करियर के रूप में चुनें और सामाजिक रूप से जागरूक होकर संगठित रहें।”
उन्होंने कहा कि खेल के माध्यम से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और युवा नशा व अन्य कुरीतियों से दूर रहते हैं।
अनुशासन, एकता और अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य की अपील
खेल मंत्री भुनेश्वर बेसरा ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में अनुशासन, एकता और सामूहिकता को मजबूत करते हैं।
भुनेश्वर बेसरा ने कहा: “खिलाड़ी पूरी मेहनत और लगन के साथ खेलें और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य रखें।”
वहीं आयोजन के संरक्षक हिराधर मांझी ने भी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेल महोत्सव भविष्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पहचान देने का माध्यम बनेगा।
रोमांचक मुकाबले और पेनाल्टी शूटआउट
उद्घाटन मैच के बाद उड़ीसा के कादोपानी और फरसापानी के बीच दूसरा मुकाबला खेला गया। यह मैच काफी रोमांचक रहा और निर्धारित समय तक बराबरी पर छूटा। इसके बाद पेनाल्टी शूटआउट में कादोपानी की टीम ने फरसापानी को 5–4 से पराजित कर अगले दौर में प्रवेश किया।
जूनियर अंडर-15 वर्ग के लिए अलग प्रतियोगिता
आयोजन समिति द्वारा ग्रास रूट स्तर पर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अंडर-15 बालक व बालिका जूनियर वर्ग के लिए अलग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस वर्ग में 30 टीमें हिस्सा ले रही हैं। आयोजन समिति के अनुसार, इस प्रतियोगिता से चयनित प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भविष्य में आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक स्तर पर विशेष प्रयास किए जाएंगे।
50 से अधिक टीमें, तीन राज्यों की भागीदारी
आयोजन समिति ने बताया कि यह खेल महोत्सव 19 दिसंबर 2024 तक चलेगा। प्रतियोगिता में झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से 50 से अधिक टीमें भाग ले रही हैं। महोत्सव का समापन 19 दिसंबर 2024 को गोंडवाना शेर शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर किया जाएगा।
रेफरी और आयोजन समिति की अहम भूमिका
आज के मैचों में रेफरी की भूमिका किशोर भोय, रविंद्र मांझी, गणेश मांझी, उपेंद्र मांझी, अंजंती कुमारी और नूतन मांझी ने निभाई।
आयोजन को सफल बनाने में भुनेश्वर बेसरा, महावीर मांझी, नंदकिशोर भोय, जयमंगल प्रधान, कमलेश्वर मांझी, त्रिभुवन भोय, हिराधर मांझी, सेतुवन मांझी, शिवप्रताप मांझी, सुदर्शन मांझी और राजू मांझी सहित अन्य सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
न्यूज़ देखो: खेल से सशक्त हो रहा आदिवासी समाज
यह खेल महोत्सव दर्शाता है कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। ऐसे आयोजन युवाओं को सही दिशा देने के साथ सामाजिक एकता और अनुशासन को भी मजबूत करते हैं। आयोजकों का यह प्रयास सराहनीय है और प्रशासन को भी ऐसे आयोजनों को हरसंभव सहयोग देना चाहिए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खेल के मैदान से मजबूत समाज की ओर
खेल केवल जीत-हार नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और भविष्य की दिशा तय करने का माध्यम है। रेंगारटोली बासेन का यह आयोजन युवाओं को सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा दे रहा है। यदि समाज और प्रशासन मिलकर ऐसे प्रयासों को निरंतर बढ़ावा दें, तो गांवों से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकल सकते हैं।





