
#हुसैनाबाद #साहित्य : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में युवा कवि विनोद सागर की लघुकथा संग्रह ‘सहारा’ का भव्य विमोचन
- विनोद सागर की आठवीं पुस्तक ‘सहारा’ का लोकार्पण हुसैनाबाद के सद्भावना भवन में हुआ।
- मुख्य अतिथि पलामू ज़िला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ़ टुटू सिंह ने पुस्तक का विमोचन किया।
- पुस्तक में समाज के यथार्थ, कुरीतियाँ और प्रेरक प्रसंग गहराई से उभरते हैं।
- कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अंगद किशोर, समाजसेवी डॉ. मलय कुमार रॉय, और हुसैनाबाद के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर राम उर्फ़ छठन समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
- नवोदित कवयित्री करिश्मा काँस्यकार को सम्मान स्वरूप ‘सहारा’ पुस्तक भेंट की गई।
हुसैनाबाद के सद्भावना भवन में आयोजित समारोह में युवा कवि और साहित्यकार विनोद सागर की लघुकथा संग्रह ‘सहारा’ का भव्य लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीके नीरज राजयोगी ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पलामू ज़िला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ़ टुटू सिंह उपस्थित रहे। समारोह में साहित्य, समाजसेवा और शिक्षा क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग भी शामिल हुए।
पुस्तक ‘सहारा’ की विशेषताएँ
मुख्य अतिथि आलोक कुमार सिंह उर्फ़ टुटू सिंह ने कहा:
“विनोद सागर की लेखनी समाज के यथार्थ को गहराई से अभिव्यक्त करती है। ‘सहारा’ न केवल संवेदनाओं की पुस्तक है, बल्कि यह सामाजिक विसंगतियों और प्रेरक प्रसंगों को उजागर करती है। युवा पीढ़ी को ऐसे साहित्य से जुड़ना चाहिए।”
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अंगद किशोर ने कहा:
“‘सहारा’ समाज के अंतर्मन की पीड़ा और सच्चाइयों को उजागर करती है। इसकी लघुकथाएँ समकालीन परिवेश का दर्पण हैं और पाठकों को आत्ममंथन के लिए प्रेरित करती हैं।”
पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रामेश्वर राम उर्फ़ छठन ने बताया कि विनोद सागर ने अपनी लेखनी से समाज की आवाज़ को शब्द दिए हैं। बीके नीरज राजयोगी ने कहा कि ‘सहारा’ में मानवीय संवेदनाओं का आध्यात्मिक स्पर्श है। डॉ. मलय कुमार रॉय ने पुस्तक को समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों के विरुद्ध प्रेरक संदेश बताया।
समाज और साहित्य में योगदान
अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि विनोद सागर के लेखन में साधारण लोगों के असाधारण अनुभव झलकते हैं। राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि ‘सहारा’ जैसी कृतियाँ नवोदित लेखकों के लिए प्रेरणा हैं और यह हुसैनाबाद की साहित्यिक पहचान को नई ऊँचाई देगी।
कार्यक्रम के अंत में ज़िप उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ़ टुटू सिंह ने हुसैनाबाद की नवोदित कवयित्री करिश्मा काँस्यकार को ‘सहारा’ पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों ने युवा कवि की लेखनी की सराहना की और समाज सुधार एवं साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान की प्रशंसा की।

न्यूज़ देखो: ‘सहारा’ के लोकार्पण से हुसैनाबाद साहित्यिक परिदृश्य में नई चमक
यह पुस्तक युवा और अनुभवी पाठकों को सामाजिक यथार्थ, संवेदनशीलता और प्रेरणा का अनुभव कराती है। स्थानीय साहित्य प्रेमियों और छात्रों के लिए यह संग्रह विचारों को जागृत करने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
साहित्य से समाज को जोड़ने की प्रेरणा
साहित्य केवल शब्द नहीं, बल्कि समाज और मानवता का प्रतिबिंब है। अपने आसपास के लोगों को ‘सहारा’ जैसी कृतियों से अवगत कराएँ। कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और साहित्यिक चेतना को फैलाने में योगदान दें। इस तरह हम युवा लेखकों और समाज सुधारक प्रयासों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।