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चंदवा के खेल स्टेडियम में भव्य रावण दहन: 15 हजार की भीड़ और एसपी की पहली उपस्थिति से बढ़ी शोभा

#चंदवा #दशहरापर्व : हाई स्कूल खेल स्टेडियम में हुआ ऐतिहासिक रावण दहन, आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजा माहौल

लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में विजयादशमी के अवसर पर आयोजित रावण दहन इस बार ऐतिहासिक रहा। हाई स्कूल खेल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में करीब पंद्रह हजार लोगों की भीड़ उमड़ी और चारों ओर जय श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे। आयोजन की खासियत यह रही कि पहली बार लातेहार पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव चंदवा पहुंचे और मंच से जनता को संबोधित किया।

बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश

एसपी कुमार गौरव ने कहा:

कुमार गौरव ने कहा: “रावण दहन केवल परंपरा नहीं, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ऐसे आयोजन समाज को एकजुट करते हैं और नई ऊर्जा देते हैं। चंदवा की जनता का उत्साह देखकर मैं अभिभूत हूं।”

उनकी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा और बढ़ गई और लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां

कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद रामायण नाटक का मंचन और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने पूरे वातावरण को उत्साह और रोमांच से भर दिया।

इस मौके पर एसपी के साथ डीएसपी अरविंद कुमार, सीओ सुमित झा, बीडीओ चंदन प्रसाद, इंस्पेक्टर रणधीर सिंह, महेंद्र साहू, आनंद वर्मा, डॉ रोहित त्रिपाठी, राजकुमार साहू, एडवोकेट मिथलेश कुमार समेत कई अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे।

युवाओं और समाज का सामूहिक प्रयास

कार्यक्रम का संचालन रावण दहन समिति और युवा भारत चंदवा ने संयुक्त रूप से किया। इस वर्ष रावण दहन का विधिवत कार्य महेंद्र साहू, अमित गुप्ता और राजकुमार साहू ने किया।

समिति अध्यक्ष अमित गुप्ता और आदर्श रवि राज के नेतृत्व में युवाओं ने आयोजन को सफल बनाया। मंच संचालन आदर्श रवि राज और मनीष गुप्ता ने किया। आयोजन को सफल बनाने में संदीप रजक, दारा सिंह, अक्षय कुमार, आकाश कुमार, रंजन सिंह, राहुल जायसवाल, कुणाल खत्री, सचिन कुमार, रवि पांडुरंगा, उदय गुप्ता, मनीष चांदो, सौरभ साहू, रिकी वर्मा, रंजीत कुमार, अंकित कुमार, गोलू, दिव्येश, सागर, मनीष, छोटू रजक, रिंकू कुमार, बिनीत, दीपक, नितीश, कुणाल, दर्शन कुमार समेत कई युवाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विशेष सहयोग आनंद वर्मा, सतीश प्रसाद और संतोष कुमार साहू का रहा।

परंपरा का प्रतीक बना आयोजन

जैसे ही रावण का विशालकाय पुतला अग्नि की लपटों में ध्वस्त हुआ, पूरा स्टेडियम जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। वर्ष 2017 से लगातार हो रहा चंदवा का रावण दहन अब इस क्षेत्र की संस्कृति, आस्था और सामूहिक शक्ति का प्रतीक बन चुका है।

न्यूज़ देखो: समाज की एकता और सांस्कृतिक धरोहर की मिसाल

चंदवा का रावण दहन सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज की एकता और सामूहिक शक्ति का प्रतीक बन चुका है। इस आयोजन ने दिखा दिया कि जब प्रशासन और समाज साथ आते हैं तो संस्कृति और परंपरा और भी जीवंत हो जाती है। यह उत्सव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखें

रावण दहन जैसे आयोजन समाज को जोड़ते हैं और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से परिचित कराते हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर इन परंपराओं को जीवित रखें और अपने बच्चों में सांस्कृतिक गर्व और सामाजिक एकता का भाव जगाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें और आने वाली पीढ़ियों तक इस परंपरा का संदेश पहुंचाएं।

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