#डुमरी #सावन : खेतली गांव का शिवालय बना भक्ति और आस्था का केंद्र
- खेतली गांव के शिव मंदिर में भव्य रुद्राभिषेक का आयोजन हुआ।
- कांवड़ यात्रा से श्रद्धालुओं ने भगवान शिव को जलाभिषेक किया।
- सैकड़ों महिला-पुरुष और बच्चे पहुंचे मंदिर परिसर।
- मंदिर गूंज उठा “ॐ नम: शिवाय” के जयघोष से।
- भंडारे में देर शाम तक चलता रहा सामूहिक भोज।
डुमरी प्रखंड के खेतली गांव में सावन माह के पावन अवसर पर आस्था और उत्साह का अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां के शिव मंदिर में भव्य रुद्राभिषेक, कांवड़ यात्रा और भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गांव सहित आसपास के कई क्षेत्रों के लोग भारी संख्या में पहुंचे। आयोजन ने न केवल धार्मिक महत्व को रेखांकित किया बल्कि गांव की एकजुटता का भी संदेश दिया।
कांवड़ यात्रा से हुई शुरुआत, जलाभिषेक के साथ गूंजे शिव नाम
मंगलवार को आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत कांवड़ यात्रा से हुई। श्रद्धालु जल लेकर शिवालय पहुंचे और भगवान शिव का जलाभिषेक किया। “ॐ नम: शिवाय” के स्वर से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। भक्ति से सराबोर इस आयोजन ने श्रद्धालुओं को गहरे आध्यात्मिक अनुभव से जोड़ा।
रुद्राभिषेक और पूजा-अर्चना का दिव्य वातावरण
गांव के शिव मंदिर में रुद्राभिषेक विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भगवान शिव की आराधना की। मंदिर में बजते भजनों और घंटियों की ध्वनि से माहौल और अधिक पावन हो गया।
सचिव अनुज चिक बड़ाईक ने कहा: “सावन महीने के शुभ अवसर पर हमारे खेतली ग्राम में रुद्राभिषेक और कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया। हम सभी ग्रामवासियों की यह कामना है कि भगवान शिव की कृपा से सभी भक्तों और सम्पूर्ण विश्व का कल्याण हो।”
भंडारे में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
पूजा-पाठ के बाद आयोजित भंडारे में सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। सामूहिक भोज देर शाम तक चलता रहा। यह आयोजन ग्रामवासियों के सामूहिक प्रयास से सफल रहा। आयोजन में अध्यक्ष रामनिवास मार, उपाध्यक्ष आपिका मार, और सचिव अनुज चिक बड़ाईक सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
परंपरा और एकता का अनोखा संगम
गांव के लोग बताते हैं कि सावन में हर साल ऐसे आयोजन होते हैं, लेकिन इस बार की संख्या और उत्साह विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। यह कार्यक्रम न केवल आस्था बल्कि सामाजिक एकजुटता का प्रतीक बन गया।

न्यूज़ देखो: समाज को जोड़ने वाली भक्ति की मिसाल
खेतली गांव का यह आयोजन बताता है कि आस्था के ये पर्व समाज में सकारात्मकता और एकता का संदेश देते हैं। धार्मिक आयोजन तब खास बनते हैं जब वे जनसहभागिता और सहयोग से संपन्न हों। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
भक्ति में एकता का संदेश, आगे बढ़ाएं परंपरा
सावन के इस पावन अवसर पर खेतली गांव ने जो उदाहरण पेश किया, वह प्रेरणादायक है। ऐसे आयोजनों से न सिर्फ संस्कृति जीवित रहती है बल्कि समाज में भाईचारा भी बढ़ता है। अब समय है कि हम सब इस बदलाव में योगदान दें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि आस्था का यह संदेश और दूर तक पहुंचे।