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ग्रासिम सीएसआर रेहला ने पौधा वितरण और नर्सरी विकास योजना से किसानों को दी नई दिशा

#रेहला #पर्यावरणसंरक्षण : 240 किसानों के बीच इमारती व फलदार पौधों का वितरण और ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत वृक्षारोपण

ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रेहला ने अपने सीएसआर कार्यक्रम के अंतर्गत बेलचंपा प्रशिक्षण केंद्र में एक महत्वपूर्ण पौधा वितरण और नर्सरी विकास कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर 240 किसानों के बीच इमारती और फलदार पौधे वितरित किए गए। साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत 200 पौधे लगाए गए।

कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व

ग्रासिम सीएसआर का यह प्रयास न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए है बल्कि किसानों की आय को स्थायी और मजबूत बनाने की दिशा में भी एक अहम कदम है।

पद्माकर लाल दास ने कहा: “इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रकृति का संतुलन बनाए रखना है, ताकि मौसम परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं को कम किया जा सके। इसके साथ ही फलदार एवं इमारती पौधों की बागवानी से किसानों की आय में वृद्धि होगी और वे मौसम आधारित खेती पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहेंगे।”

किसानों के अनुभव और प्रेरणा

कार्यक्रम में शामिल प्रगतिशील किसानों ने बागवानी और नकदी फसलों से अपनी आय में हुई बढ़ोतरी के अनुभव साझा किए। इन अनुभवों ने अन्य किसानों को भी प्रेरित किया और उन्होंने ऐसी पद्धतियों को अपनाने पर सहमति जताई।

‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल

प्रशिक्षण केंद्र परिसर में 200 पौधे लगाए गए। इस पहल ने कार्यक्रम को और भी सार्थक बना दिया। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने का संदेश दिया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित लोग

कार्यक्रम का संचालन सीएसआर अधिकारी अनिल गिरि ने किया। इस मौके पर प्रबंधक जनसंपर्क विकास कुमार, सीएसआर अधिकारी अनिल गिरि, डिप्लोमा इंजीनियर्स, जन सेवा ट्रस्ट के मोहम्मद कैफ, आफताब अंसारी, नागेंद्र प्रसाद यादव, शिवलाल पासवान, भोला सिंह, गोपीनाथ विश्वकर्मा, सत्येंद्र सिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह, अनीता देवी, श्रीकांत सिंह, योगेश पाल, बेलचंपा एवं आसपास की पंचायतों के प्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, बड़ी संख्या में किसान और स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: किसानों और पर्यावरण के लिए दोहरा लाभ

ग्रासिम सीएसआर का यह कार्यक्रम केवल वृक्षारोपण या पौधा वितरण तक सीमित नहीं बल्कि किसानों की स्थायी आजीविका और पर्यावरण संरक्षण का संयुक्त समाधान है। जब कंपनियां और समाज साथ आते हैं, तो विकास और हरियाली दोनों संभव हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

हरियाली से होगी खुशहाली

प्रकृति के साथ संतुलन ही हमारी असली पूंजी है। आइए हम सभी एक-एक पेड़ लगाने का संकल्प लें और इसे अगली पीढ़ियों के लिए अमूल्य उपहार बनाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि संदेश दूर-दूर तक पहुंचे।

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