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ग्रासिम इंडस्ट्रीज यूनिट हेड हितेंद्र अवस्थी का मानवीय कदम: तोलरा गाँव के अनाथ परिवार को मिली नई उम्मीद

#बिश्रामपुर #मानवता : हितेंद्र अवस्थी ने तोलरा गाँव पहुँचकर अनाथ परिवार की मदद कर पेश की इंसानियत की मिसाल

बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के तोलरा गाँव में मंगलवार, 29 सितंबर 2025 को एक भावुक दृश्य देखने को मिला, जिसने इंसानियत की सच्ची तस्वीर पेश की। ग्रासिम इंडस्ट्रीज बिरला यूनिट हेड हितेंद्र अवस्थी ने गाँव पहुँचकर एक अनाथ और निर्धन परिवार की मदद कर समाज के लिए मिसाल कायम की।

दुःख की घड़ी में पहुँची मदद

गाँव की स्वर्गीय तेतरी देवी (पति – स्वर्गीय रामेश्वर राम) लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं और उनका निधन दस दिन पूर्व हो चुका था। पीछे रह गए उनके पाँच पुत्र—प्रभात कुमार राम, राजू कुमार राम, रिंकू कुमार राम और कौशल कुमार राम—गरीबी और असहायता में जीवन बिता रहे थे।

यह जानकारी मिलते ही पूर्व प्रत्याशी सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने तुरंत पहल की और यूनिट हेड हितेंद्र अवस्थी से संपर्क साधा। संवेदनशीलता दिखाते हुए अवस्थी स्वयं गाँव पहुँचे और शोकग्रस्त परिवार से मुलाकात की। उन्होंने न सिर्फ आर्थिक सहायता दी बल्कि आश्वासन दिया कि परिवार के योग्य सदस्य को बिरला कंपनी में रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा।

सुधीर चंद्रवंशी का बयान

इस अवसर पर सुधीर चंद्रवंशी ने कहा—

“हितेंद्र अवस्थी जी जनता के लिए भगवान के स्वरूप हैं। वे लगातार गरीब, निर्धन और बेरोजगार परिवारों की मदद करते आ रहे हैं। आज उन्होंने जो संवेदनशील कदम उठाया है, वह लंबे समय तक याद किया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में ग्रासिम इंडस्ट्रीज जैसी और फैक्ट्रियाँ खुलनी चाहिए, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और पलायन पर रोक लगेगी। इसे उन्होंने क्षेत्र की आत्मनिर्भरता और विकास के लिए अहम कदम बताया।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

गाँव के लोगों ने भी हितेंद्र अवस्थी की इस पहल को सराहनीय बताया। उनका कहना था कि जब तक ऐसे मानवीय सोच रखने वाले अधिकारी और समाजसेवक समाज में मौजूद रहेंगे, तब तक गरीब और वंचित वर्ग को उम्मीद की किरण मिलती रहेगी।

यह घटना इस बात का उदाहरण बन गई कि जब राजनीति और उद्योग जगत मिलकर समाजसेवा की दिशा में आगे बढ़ते हैं, तो जमीनी स्तर पर बड़ा बदलाव संभव हो जाता है।

न्यूज़ देखो: संवेदनशीलता और सहयोग से बदलता समाज

यह घटना दिखाती है कि समाज की असली ताकत केवल संसाधनों में नहीं बल्कि मानवीय संवेदनशीलता और सहयोग में निहित है। उद्योग जगत और सामाजिक कार्यकर्ता जब साथ मिलते हैं, तो वे सबसे कमजोर वर्ग के लिए भी संबल बन सकते हैं। हितेंद्र अवस्थी का यह कदम क्षेत्र में सकारात्मक सोच और उम्मीद का प्रतीक है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मिलकर बढ़ाएँ उम्मीद की रोशनी

आज का यह मानवीय उदाहरण हमें प्रेरित करता है कि हम सभी अपनी क्षमता अनुसार जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे बढ़ें। यदि उद्योग, राजनीति और आमजन एकजुट होकर कार्य करें, तो किसी भी परिवार को असहाय होकर जीवन नहीं गुजारना पड़ेगा। आइए हम सब इस संदेश को साझा करें, अपनी राय कमेंट करें और समाज में उम्मीद की यह ज्योति और दूर तक फैलाएँ।

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