
#रांची #GST_घोटाला – ईडी की बड़ी कार्रवाई, पिता-पुत्र और सहयोगी के खिलाफ चला फर्जी इनवॉइस रैकेट, करोड़ों का इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाला उजागर
- ईडी ने करोड़ों के GST घोटाले के मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा को किया गिरफ्तार
- बेटे मोहित देवड़ा और सहयोगी अमित गुप्ता भी गिरफ्त में, तीनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
- कोलकाता से हुई गिरफ्तारी, आठ मई से चल रहे ईडी के छापेमारी अभियान का परिणाम
- फर्जी कंपनियों के जरिए आईटीसी लाभ लेने की साजिश में तीनों शामिल
- ईडी को मिले ऐसे दस्तावेज जो GST प्रावधानों के बड़े स्तर पर दुरुपयोग को दर्शाते हैं
- जांच अभी जारी, रैकेट में और भी लोगों के शामिल होने की आशंका
रांची से कोलकाता तक ईडी का शिकंजा, गिरफ्तार हुआ मास्टरमाइंड
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में फैले एक बहु-करोड़ GST घोटाले का पर्दाफाश करते हुए मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा को गिरफ्तार किया है। उनके साथ बेटे मोहित देवड़ा और करीबी सहयोगी अमित गुप्ता को भी पकड़ा गया।
तीनों को एक विशेष ईडी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया।
नकली कंपनियों से करोड़ों का फर्जीवाड़ा, ईडी के हाथ लगे पक्के सबूत
ईडी अधिकारियों के अनुसार, शिव कुमार देवड़ा ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए कई फर्जी कंपनियों का गठन किया, जिनके माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का अवैध लाभ उठाया गया।
इन कंपनियों का इस्तेमाल कर फर्जी खरीद और बिक्री दर्शाते हुए इनवॉइस जनरेट किए गए, ताकि सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा सके।
ईडी ने बताया कि मोहित देवड़ा इस रैकेट में सक्रिय रूप से शामिल थे और पिता व अमित गुप्ता के साथ मिलकर पूरा नेटवर्क चला रहे थे।
कोलकाता से चला रैकेट, ईडी की छापेमारी में बड़ा खुलासा
ईडी ने 8 मई से कोलकाता में एक व्यापक छापेमारी अभियान चलाया, जिसके तहत देवड़ा परिवार के परिसरों की गहन तलाशी ली गई। छापों के दौरान GST प्रावधानों के उल्लंघन से जुड़े कई दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो यह रैकेट पूरी तरह संगठित था, जिसका मकसद फर्जी फर्मों के जरिए कर चोरी कर धन लाभ उठाना था। ईडी के एक अधिकारी ने बताया:
“तीनों आरोपी काल्पनिक फर्मों का नेटवर्क चलाते थे, जो फर्जी चालान बना कर आईटीसी लाभ प्राप्त करते थे।” — ईडी सूत्र
आगे भी हो सकती हैं गिरफ्तारियाँ, कई नाम एजेंसी के रडार पर
ईडी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि जांच अभी जारी है और कई अन्य संदिग्ध एजेंसियों की रडार पर हैं। दस्तावेजों की जांच के बाद नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यापारियों और बिचौलियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।
इस पूरे घोटाले का मकसद था सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व से वंचित करना।
न्यूज़ देखो : आर्थिक अपराध पर हमारी पैनी निगाह
न्यूज़ देखो की टीम लगातार ऐसे मामलों पर नजर बनाए हुए है, जो आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं और ईमानदार करदाताओं के विश्वास को ठेस पहुंचाते हैं। ईडी की यह कार्रवाई दिखाती है कि फर्जीवाड़े की कोई भी कोशिश अब नहीं बचेगी।
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