- गुमला के घाघरा प्रखंड अंतर्गत देवाकी पंचायत के ग्राम कुसुम टोली में फसल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत किसान गोष्ठी का आयोजन।
- प्रखंड तकनीकी पदाधिकारी नीरज सिंह ने किसानों को फसल सुरक्षा के वैज्ञानिक उपायों के बारे में जागरूक किया।
- गोष्ठी में संतुलित पोषण, कीटनाशक, जैविक उपाय और जल प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया।
- किसानों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाने में मदद मिलेगी।
गुमला जिले के घाघरा प्रखंड के देवाकी पंचायत के कुसुम टोली गांव में मंगलवार को फसल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत एक किसान गोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को फसल सुरक्षा के उपायों के प्रति जागरूक करना और वैज्ञानिक पद्धतियों के माध्यम से कृषि उत्पादन को बढ़ाना था।
मुख्य उद्देश्य और योजनाएं
गोष्ठी में प्रखंड तकनीकी पदाधिकारी नीरज सिंह ने किसानों को बताया कि किस प्रकार बदलते मौसम के अनुरूप फसल संरक्षण किया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि फसलों में समय-समय पर आवश्यक विटामिन और कीटनाशकों का छिड़काव किया जाना चाहिए ताकि फसलें बीमारियों और कीटों से सुरक्षित रह सकें।
फसल सुरक्षा के लिए सुझाव
- नियमित निरीक्षण: फसलों की नियमित जांच करें ताकि बीमारियों या कीट हमलों का समय रहते पता लगाया जा सके।
- संतुलित पोषण: पौधों की वृद्धि और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक विटामिन और उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें।
- कीटनाशक एवं जैविक उपाय: रासायनिक कीटनाशकों के साथ जैविक उपायों को भी अपनाएं।
- जल प्रबंधन: सिंचाई की सही तकनीक अपनाकर जल संरक्षण और पैदावार में वृद्धि करें।
- मिट्टी परीक्षण: मिट्टी की गुणवत्ता जांचकर ही उर्वरकों का उपयोग करें ताकि उपज में सुधार हो सके।
स्कूली बच्चों और समाज के लिए योगदान
गोष्ठी में उपस्थित बीटीएम नीरज सिंह, एटीएम शुभम मिंज, ऋतु किंडो, पूनम, एवं प्रदान संस्था के रोशन दुबे ने भी किसानों को नई कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके।
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