गुमला जिले के हरिनाखाड़ जंगल में सुरक्षा बलों को नक्सलियों की एक और साजिश का पर्दाफाश करने में बड़ी सफलता मिली। बुधवार को जंगल के रास्ते में लगाए गए पांच शक्तिशाली सीरियल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद कर उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया। इन बमों का कुल वजन करीब 10 किलो था और इन्हें सुरक्षा बलों को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से लगाया गया था।
तार देखकर मिली साजिश की जानकारी
मंगलवार रात पुलिस और सुरक्षा बलों को जंगल के रास्ते में बम लगे होने की सूचना मिली थी। एसपी शंभू सिंह ने बताया कि छापेमारी के दौरान बमों से जुड़े तार जमीन के ऊपर दिखे, जिससे सतर्क होकर तत्काल उस रास्ते से ग्रामीणों और सुरक्षा बलों का आवागमन बंद कर दिया गया। इसके बाद बम निष्क्रिय करने के लिए रांची से विशेषज्ञ टीम को बुलाया गया।
बम निष्क्रिय करने की प्रक्रिया
बुधवार सुबह बम निरोधक दस्ते ने मौके पर पहुंचकर पांचों बमों को सावधानीपूर्वक बरामद किया और एक-एक कर उन्हें विस्फोट कर निष्क्रिय किया। निष्क्रिय करते समय विस्फोट की आवाज से पूरा क्षेत्र थर्रा उठा। एसपी के अनुसार, ये आईईडी बम बेहद शक्तिशाली थे और बड़ी तबाही मचा सकते थे।
नक्सलियों की साजिश पर पुलिस का बयान
एसपी शंभू सिंह ने कहा कि नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए ये बम लगाए थे। इसमें नक्सली नेता रविंद्र गंझू और उसके साथियों का हाथ हो सकता है। पुलिस अब इन बमों को लगाने वाले नक्सलियों की पहचान और उनकी साजिश का पता लगाने में जुटी हुई है।
सुरक्षा बलों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
यह घटना नक्सलियों की सक्रियता और उनकी साजिशों को लेकर सुरक्षा बलों की सतर्कता को दर्शाती है। हरिनाखाड़ जंगल पहले भी नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है। चार महीने पहले भी इसी क्षेत्र में 35 आईईडी बम बरामद किए गए थे। पुलिस और सुरक्षा बल अब इस क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर रहे हैं ताकि नक्सलियों के बचे हुए नेटवर्क को खत्म किया जा सके।
ग्रामीणों की सुरक्षा प्राथमिकता
आईईडी बरामदगी के बाद पुलिस ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तत्काल देने की अपील की है। नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस की सतर्कता और कार्रवाई से जनता का विश्वास बढ़ा है।