
#गुमला #सेना_जवान_आत्मदाह : चाचा-चचेरे भाइयों से जमीन विवाद से परेशान जवान ने अंचल कार्यालय में लगाई न्याय की गुहार
- गम्हरिया गांव निवासी लक्ष्मण उरांव ने अंचल कार्यालय में आत्मदाह की कोशिश की
- जमीन बंटवारे में हेराफेरी का आरोप, चाचा और चचेरे भाइयों से है परेशान
- पेट्रोल लेकर पहुंचा कार्यालय, खुद पर डाला पेट्रोल, “मेरी जमीन दिलाओ” की लगाई गुहार
- सीओ आशीष कुमार मंडल और स्थानीय लोगों की सूझबूझ से बची जान
- जवान की तैनाती अरुणाचल प्रदेश में, छुट्टी में आया है घर
- थाना दिवस पर समाधान का आश्वासन, परिजनों ने समझा-बुझाकर घर पहुँचाया
पेट्रोल लेकर अंचल कार्यालय पहुंचा जवान, लगाई आत्मदाह की चेतावनी
गुमला जिले के घाघरा प्रखंड अंतर्गत गम्हरिया गांव निवासी सेना के जवान लक्ष्मण उरांव ने जमीन विवाद से तंग आकर आत्मदाह की कोशिश की। जवान अपने परिवार के साथ अंचल कार्यालय पहुंचा और वहीं पर अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा—“मेरी जमीन दिलाओ, नहीं तो यहीं आत्महत्या कर लूंगा”।
घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय ग्रामीणों और सीओ आशीष कुमार मंडल की सतर्कता से जवान को रोका गया। अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था।
तीन वर्षों से है विवाद, पुलिस पर भी लगाया अनसुनी का आरोप
लक्ष्मण उरांव का आरोप है कि उसके चाचा और चचेरे भाइयों ने न सिर्फ अपने हिस्से की जमीन बेची है, बल्कि उसके हिस्से की जमीन भी कब्जा कर ली है। जवान का कहना है कि वह तीन साल से न्याय के लिए भटक रहा है, लेकिन थाना कोई सुनवाई नहीं कर रहा।
“अगर मुझे मेरी जमीन नहीं दिलवाई गई, तो मैं अपने पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लूंगा।”
— लक्ष्मण उरांव, सेना जवान
सीओ ने दिया आश्वासन, मंगलवार को बुलाए गए सभी पक्ष
घटना की गंभीरता को देखते हुए सीओ आशीष कुमार मंडल ने जवान को अपने कार्यालय बुलाकर शांत कराया। उन्होंने जवान को मंगलवार को थाना दिवस में आने को कहा और भरोसा दिलाया कि उसके चाचा और चचेरे भाइयों को भी बुलाया जाएगा। उसी दिन विवाद का समाधान करने का आश्वासन दिया गया।
सीओ ने यह भी बताया कि अब तक लक्ष्मण ने कभी कोई शिकायत नहीं दी थी, यह पहली बार था जब वह सीधे आत्मदाह की स्थिति में पहुंचा।
जवान की तैनाती अरुणाचल में, छुट्टी पर आया था घर
परिजनों ने बताया कि लक्ष्मण सेना में अरुणाचल प्रदेश में तैनात है और वह इन दिनों छुट्टी लेकर घर आया हुआ है। जमीन विवाद और प्रशासन की अनदेखी से वह मानसिक रूप से परेशान था।
समझाने के बाद परिजन उसे लेकर गांव गम्हरिया वापस चले गए। फिलहाल प्रशासन की तत्परता और ग्रामीणों की सूझबूझ से बड़ी घटना टल गई।
न्यूज़ देखो : न्याय के लिए संघर्ष की हर कहानी हम लाते हैं आपके सामने
‘न्यूज़ देखो’ आपके लिए लाता है उन आवाजों की खबर, जो अक्सर न्याय की तलाश में दब जाती हैं। हम आपके क्षेत्र की हर प्रशासनिक लापरवाही, संघर्ष और समाधान पर रखते हैं नजर, ताकि सच आपके सामने आ सके और बदलाव की शुरुआत हो।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे रेट करें और नीचे कमेंट में अपनी राय दें।