#गुमला #मवेशीहादसा : बिशनपुर प्रखंड के दीपा गांव में देर रात हुआ हादसा — खेत के पास बंधे मवेशियों को तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा, किसानों की बरसाती खेती पर संकट
- लापू दरदग दीपा गांव में रात 10 बजे तेज रफ्तार वाहन ने मवेशियों को कुचला
- एक मवेशी की मौके पर मौत, 6 गंभीर रूप से घायल
- किसानों ने हादसे को लेकर जताई चिंता, बरसात में खेती बाधित होने की आशंका
- प्रभावित किसानों ने प्रशासन से मुआवजे और पशु उपचार की मांग की
- घटना के बाद ग्रामीणों में नाराज़गी, दोषियों की पहचान की मांग
खेत के पास बंधे मवेशी बने हादसे का शिकार
बिशनपुर प्रखंड अंतर्गत लापू दरदग दीपा गांव में शनिवार रात करीब 10 बजे का समय था जब एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन गांव से गुजरते समय सड़क किनारे बंधे 7 मवेशियों को कुचलता हुआ निकल गया। हादसे में एक मवेशी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी छह मवेशी गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं।
सुरेश, मानित, सुनील और मुना उरांव के मवेशी थे पीड़ित
हादसे का शिकार बने मवेशी स्थानीय किसान सुरेश साहू, मानित उरांव, सुनील उरांव और मुना उरांव के थे, जो रोज की तरह खेत के पास बांधे गए थे। तेज रफ्तार में आया वाहन मवेशियों को रौंदते हुए मौके से फरार हो गया। ग्रामीणों के शोर मचाने पर भी वाहन की पहचान नहीं हो सकी।
बरसात की खेती से पहले संकट में किसान
इस दुर्घटना के बाद किसानों की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि इन मवेशियों पर ही खेती-किसानी का पूरा दारोमदार था। बरसात का मौसम शुरू होने वाला है और खेतों की जुताई का कार्य इन्हीं मवेशियों से किया जाना था। अब मवेशियों की गंभीर स्थिति ने उनके सामने आजीविका का बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
प्रशासन से मुआवजे और इलाज की अपील
पीड़ित किसानों ने प्रशासन से हादसे की जांच, दोषियों की पहचान और समुचित मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द आर्थिक सहायता और पशुओं के इलाज की व्यवस्था नहीं हुई, तो उनकी खेती पूरी तरह चौपट हो जाएगी और परिवार भुखमरी की स्थिति में आ जाएगा।
किसानों का कहना है: “मवेशी हमारी खेती की रीढ़ हैं। इन्हीं से हम खेत जोतते हैं। अब उनके जख्मी होने से हम क्या करेंगे?”
ग्रामीणों की प्रशासन से सख्त मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि बरसात को ध्यान में रखते हुए घायलों मवेशियों का तुरंत इलाज शुरू करवाया जाए और प्रभावित परिवारों को अविलंब मुआवजा दिया जाए। साथ ही ऐसे हादसों को रोकने के लिए गांव के रास्तों पर गति नियंत्रण के उपाय भी किए जाएं।
न्यूज़ देखो: किसानों की पीड़ा को नजरअंदाज न करें प्रशासन
दीपा गांव की यह घटना केवल एक पशु दुर्घटना नहीं, बल्कि यह गांव की आर्थिक रीढ़ पर लगी चोट है। बरसात के मौसम में मवेशियों पर खेती निर्भर होती है और ऐसे हादसे से किसान की पूरी सालभर की मेहनत दांव पर लग सकती है।
न्यूज़ देखो प्रशासन से आग्रह करता है कि वह तत्काल मुआवजा योजना लागू करे, पशु चिकित्सकों की टीम गांव भेजे और न्याय सुनिश्चित करने के लिए त्वरित जांच कर दोषियों की पहचान करे।
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खेती की रीढ़ हैं मवेशी, इनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए
गांवों में मवेशी केवल पशु नहीं बल्कि परिवार का हिस्सा हैं, जिनके सहारे पूरा कृषि चक्र चलता है। ऐसे हादसों से बचाव और त्वरित राहत जरूरी है।
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