
#गुमला #सड़कसुरक्षा : कॉलेज क्षेत्र में चला विशेष अभियान – छात्रों और आम चालकों दोनों पर रखी गई विशेष नजर
- के.ओ. कॉलेज ब्लैक स्पॉट पर चला विशेष वाहन जांच अभियान।
- डीटीओ ज्ञान शंकर जायसवाल के निर्देश पर हुआ संचालन।
- 70 से अधिक चालकों पर कार्रवाई, 52 हजार रुपये वसूले गए।
- छात्रों पर विशेष निगरानी, कॉलेज गेट पर नियमित जांच का निर्णय।
- ‘गुड सेमेरिटन योजना’ की दी गई जानकारी से लोगों को किया गया जागरूक।
गुमला जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) ज्ञान शंकर जायसवाल के निर्देश पर शुक्रवार को के.ओ. कॉलेज ब्लैक स्पॉट पर एक विशेष वाहन जांच अभियान चलाया गया। इस अभियान में बिना हेलमेट, ट्रिपल राइडिंग, ओवरस्पीडिंग और आवश्यक कागजात के बिना वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की गई। अभियान के दौरान 70 से अधिक चालकों से 52 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता का संदेश गया।
सड़क सुरक्षा के प्रति प्रशासन की सख्त पहल
सड़क दुर्घटनाओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए जिला प्रशासन ने यह अभियान शुरू किया। मोटर यान निरीक्षक रॉबिन अजय सिंह और सड़क सुरक्षा प्रबंधक कुमार प्रभास ने के.ओ. कॉलेज के प्राचार्य से मुलाकात की और कॉलेज आने-जाने वाले छात्र-छात्राओं पर विशेष निगरानी रखने की बात कही। कॉलेज गेट पर नियमित जांच अभियान चलाने का निर्णय भी इसी बैठक में लिया गया ताकि छात्र शुरुआत से ही यातायात अनुशासन का पालन करें।
रॉबिन अजय सिंह ने कहा: “हर चालक को समझना चाहिए कि सड़क पर जिम्मेदारी से चलना ही खुद और दूसरों की सुरक्षा की गारंटी है। हमारा उद्देश्य दंड नहीं, जागरूकता है।”
विशेष जांच में हुई सख्त कार्रवाई
शुक्रवार को के.ओ. कॉलेज के समीप स्थित ब्लैक स्पॉट पर जब जांच अभियान शुरू हुआ तो कई चालक बचने की कोशिश करते नजर आए, परंतु टीम ने तत्परता से सभी को रोककर जांच की। बिना हेलमेट, लाइसेंस या जरूरी कागजात के बिना वाहन चलाने वालों पर जुर्माना लगाया गया।
मोटर यान निरीक्षक ने बताया कि यह अभियान केवल जुर्माना वसूलने के लिए नहीं, बल्कि लोगों में ट्रैफिक नियमों की जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान चालकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की जानकारी भी दी गई।
‘गुड सेमेरिटन’ योजना की दी गई जानकारी
इस मौके पर जांच दल ने लोगों को ‘गुड सेमेरिटन योजना’ की विस्तृत जानकारी दी। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को ‘गोल्डन आवर’ के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 2,000 रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देने का प्रावधान है।
इसके साथ ही, हिट एंड रन मामलों में मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायल होने पर 50,000 रुपये का मुआवजा भी निर्धारित है। इस जानकारी ने कई लोगों को प्रभावित किया और उन्होंने इस पहल की सराहना की।
सुरक्षा और सतर्कता पर जोर
निरीक्षण दल में सड़क सुरक्षा प्रबंधक कुमार प्रभास, सूचना प्रौद्योगिकी प्रभारी मंटू रवानी, प्रणय कांशी और पुलिस बल के जवान शामिल थे। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था और अग्निशमन उपकरणों की स्थिति की भी जांच की।
अभियान के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि प्रशासन अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा और हर ब्लैक स्पॉट पर नियमित जांच की जाएगी।
कुमार प्रभास ने कहा: “हम चाहते हैं कि गुमला जिला सड़क सुरक्षा के मामले में राज्य के लिए एक उदाहरण बने। हर नागरिक को इस प्रयास में सहभागी होना चाहिए।”
न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा बनी जनजागरूकता का संदेश
गुमला प्रशासन की यह पहल सिर्फ जुर्माना वसूलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जन-जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सड़क सुरक्षा को लेकर नागरिकों में जिम्मेदारी की भावना जगाने और दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में यह अभियान सकारात्मक असर डाल रहा है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदारी से चलाएं वाहन और सुरक्षित रखें जीवन
सड़क सुरक्षा कोई नियम नहीं, यह जीवन की सुरक्षा का संकल्प है। हर चालक, हर छात्र और हर नागरिक का दायित्व है कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करे और दूसरों को भी प्रेरित करे। सजग रहें, सुरक्षित चलें। अपनी राय कॉमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और अपने शहर को ट्रैफिक अनुशासन का उदाहरण बनाएं।




