
#डुमरी #नशामुक्ति_शिविर : गुमला जिले के डुमरी प्रखंड में छात्रों को नशे के खिलाफ जागरूक करने की पहल — पुलिस और शिक्षकों ने साझा किया नशे का खतरनाक प्रभाव
- खेतली मध्य विद्यालय और जनता हाई स्कूल में नशामुक्ति जागरूकता शिविर आयोजित
- डुमरी थाना के एसआई मनोज कुमार ने छात्रों को किया जागरूक
- नशा को बताया धीमा जहर, सामाजिक बुराई के रूप में समझाया
- छात्रों ने ली नशा न करने की शपथ, सकारात्मक सोच अपनाने की प्रेरणा
- शिक्षकों और स्थानीय नागरिकों ने भी किया विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन
पुलिस-शिक्षक की संयुक्त पहल, बच्चों को नशे से बचाने का संदेश
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड अंतर्गत खेतली मध्य विद्यालय और जनता हाई स्कूल में नशामुक्ति अभियान के तहत जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में डुमरी थाना से आए एसआई मनोज कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि—
एसआई मनोज कुमार ने कहा:
“नशा एक धीमा जहर है जो न सिर्फ शरीर को नष्ट करता है, बल्कि मानसिक स्थिति, पारिवारिक संबंध और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी समाप्त करता है।”
उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे बचपन से ही सही और गलत में फर्क समझें, और अपने जीवन में अच्छी आदतों को अपनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि नशा सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी निंदनीय है, जिसे हर हाल में त्याग देना चाहिए।
विद्यालय परिसर में जागरूकता की अलख
शिविर में खेतली मध्य विद्यालय और जनता हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक, सभी सहायक शिक्षक, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वे नशा जैसे सामाजिक अभिशाप से दूर रहेंगे और दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करेंगे।
शिक्षकों ने भी अपने-अपने संबोधन में बच्चों को यह संदेश दिया कि—
“नशे से दूर रहकर ही स्वस्थ जीवन और उज्जवल भविष्य का निर्माण संभव है।”
बच्चों ने लिया संकल्प, समाज को मिला प्रेरणा का संदेश
कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों ने एकजुट होकर नशा से दूर रहने की शपथ ली और अपने जीवन में सकारात्मक सोच और मेहनत को अपनाने का वादा किया।
इस मौके पर शिक्षकों ने भी प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यालय स्तर पर नियमित रूप से आयोजित होने चाहिए, ताकि युवाओं को नशे से पहले ही दूर किया जा सके।



न्यूज़ देखो: नशे के खिलाफ स्कूलों से उठी समाज सुधार की आवाज
न्यूज़ देखो मानता है कि जब स्कूलों से ही नशामुक्ति जैसे सामाजिक आंदोलन की शुरुआत होती है, तो यह केवल बच्चों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे गांव और समाज में बदलाव की लहर लाता है।
डुमरी पुलिस और शिक्षकों की यह पहल न सिर्फ समय की मांग है, बल्कि यह एक स्वस्थ और उज्जवल भविष्य की नींव भी है।
हम आशा करते हैं कि इस तरह के शिविरों के माध्यम से और भी स्कूल व गांव इस आंदोलन से जुड़ेंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सकारात्मक सोच से बनेगा उज्जवल भविष्य
हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह नशे जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाए और नवयुवकों को जागरूक करे।
अगर हम सब मिलकर यह प्रण लें कि नशे को जड़ से खत्म करना है, तो निश्चित रूप से एक स्वस्थ, शिक्षित और मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा।
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