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गुमला डीएससी नूर आलम खाँ ने जारी प्लस टू विद्यालय में औचक निरीक्षण कर बोर्ड तैयारी का लिया विस्तृत जायजा

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#गुमला #शैक्षणिक_निरीक्षण : डीएससी का जारी प्रखंड के प्लस टू विद्यालय में छात्रों से सीधे संवाद—नियमित रिवीजन और अभ्यास पर दिया विशेष जोर
  • गुमला डीएससी नूर आलम खाँ ने राजकीय उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय जारी का औचक निरीक्षण किया।
  • कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों से बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर संवाद किया।
  • छात्रों को नियमित अध्ययन, रोजाना रिवीजन, और प्रश्न-पत्र आधारित अभ्यास करने की सलाह दी।
  • शिक्षक-शिक्षिकाओं को निर्देश—अनुपस्थित विद्यार्थियों के अभिभावकों को फोन कर विद्यालय लाने की जिम्मेदारी निभाएँ।
  • परीक्षा से दो दिन पहले छात्रों को नहीं छोड़ने का निर्देश—जरूरी समय न मिलने पर विद्यार्थी पढ़ाई भूल जाते हैं।
  • निरीक्षण के दौरान बीपीएम सरफराज अंसारी, बीआरपी रीना कुमारी, ऑपरेटर सेवन्ती कुमारी तथा विद्यालय के सभी शिक्षक मौजूद रहे।

जारी प्रखंड स्थित राजकीय उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय में डीएससी नूर आलम खाँ ने औचक निरीक्षण कर बोर्ड परीक्षा की तैयारियों का वास्तविक आकलन किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों से बातचीत कर उनकी पढ़ाई, तैयारी और अभ्यास की स्थिति समझी। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि बोर्ड परीक्षा में अच्छे परिणाम के लिए नियमित रिवीजन, प्रश्न-पत्र आधारित अभ्यास और समय प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण है। निरीक्षण के क्रम में शिक्षकों को भी उपस्थिति सुधारने तथा कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।

विद्यार्थियों के साथ सीधे संवाद मेहनत और अनुशासन को बताया सफलता की कुंजी

निरीक्षण के दौरान डीएससी नूर आलम खाँ कक्षाओं में पहुँचे और छात्रों से पूछताछ की कि वे परीक्षा के कितने तैयार हैं और किस प्रकार अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया कि बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए निरंतरता अनिवार्य है

नूर आलम खाँ ने कहा: “प्रतिदिन रिवीजन करें, क्योंकि रिवीजन न करने से भूल हो जाती है। बार-बार अभ्यास करने से चीजें याद भी हो जाती हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है।”

उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे लक्ष्य निर्धारित कर उस दिशा में लगातार मेहनत करें। उन्होंने कहा कि यह केवल परीक्षा ही नहीं बल्कि भविष्य की राहों को बनाने का अवसर है, इसलिए अध्यापन में ढिलाई न बरतें।

अच्छा रिजल्ट दें और प्रखंड का नाम रोशन करें डीएससी का संदेश

निरीक्षण के दौरान श्री खाँ ने बच्चों से कहा कि वे कड़ी मेहनत करें, क्योंकि मेहनत का फल हमेशा मिलता है

नूर आलम खाँ ने कहा: “अच्छा रिजल्ट देकर अपने विद्यालय के साथ-साथ अपने प्रखंड का भी नाम रोशन करें।”

उन्होंने विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षा जीवन का ऐसा पड़ाव है, जहाँ परिश्रम और समर्पण भविष्य का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि अपनी कमजोरियों को पहचानकर उन्हें सुधारने में जुट जाएँ और प्रतिदिन पढ़ाई का समय निर्धारित करें।

शिक्षकों को कड़ा निर्देश उपस्थिति सुनिश्चित करें और अभिभावकों से संपर्क बनाएँ

निरीक्षण के दौरान डीएससी ने शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिया कि कोई भी विद्यार्थी लापरवाही के कारण पीछे न रह जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालय में नहीं आने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों से तुरंत संपर्क किया जाए और उन्हें विद्यालय भेजने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है

नूर आलम खाँ ने कहा: “अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं आता है तो उसे फोन कर अभिभावक को सूचित करें और विद्यालय आने के लिए कहें।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों को परीक्षा के दो दिन पहले तक विद्यालय में रखा जाए, क्योंकि जल्दी छोड़ देने पर वे पढ़ाई भूल सकते हैं।

निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे सभी अधिकारी और शिक्षक

निरीक्षण कार्यक्रम में बीपीएम सरफराज अंसारी, बीआरपी रीना कुमारी, ऑपरेटर सेवन्ती कुमारी, तथा विद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित थे। सभी ने मिलकर डीएससी को विद्यालय की वर्तमान स्थिति, उपस्थित छात्रों की संख्या, अभ्यास परीक्षणों की स्थिति और बोर्ड की तैयारी संबंधी प्रगति से अवगत कराया।

न्यूज़ देखो जिम्मेदारी की याद दिलाता शैक्षणिक निरीक्षण

यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को बनाए रखने का गंभीर प्रयास है। इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारी अब बोर्ड परीक्षा से पहले विद्यालयों की वास्तविक तैयारी को जानना चाहते हैं ताकि छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके। साथ ही शिक्षकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होती है कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रह जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिक्षा ही भविष्य की शक्ति

बोर्ड परीक्षाएँ केवल अंक प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और निरंतरता की परीक्षा भी होती हैं। आज जब प्रतिस्पर्धा बढ़ चुकी है, ऐसे में हर विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने सपनों के लिए पूरी निष्ठा से प्रयास करे और एक अच्छा भविष्य बनाए। समाज और परिवार भी तभी आगे बढ़ते हैं जब उनके बच्चे ज्ञान, समझ और मेहनत के साथ आगे बढ़ें। अब समय आ गया है कि हम सभी शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें—अपने आसपास के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें, विद्यालय भेजें और शिक्षा की रोशनी फैलाएँ। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को अपने दोस्तों और समूहों में साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग बोर्ड तैयारी के महत्व को समझ सकें।

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Shahjeb Ansari

जारी, गुमला

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